लंदन। लॉर्ड्स की ऐतिहासिक पिच पर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में भले ही दक्षिण अफ्रीका की टीम मुश्किल में नजर आ रही हो, लेकिन ड्रेसिंग रूम में जीत को लेकर पूरा जोश और विश्वास कायम है। टीम के बल्लेबाज़ डेविड बेडिंघम ने कहा है कि चाहे लक्ष्य जो भी हो, खिलाड़ी उसे हासिल करने के लिए तैयार हैं।
बेडिंघम ने दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी में सबसे अधिक 45 रन बनाए, लेकिन टीम कुल 138 रन पर सिमट गई। वहीं ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी में दो विकेट खोकर 218 रन की बढ़त ले चुका है और शुक्रवार को खेल को आगे बढ़ाएगा।
“यह हमारे लिए सुनहरा मौका है” – डेविड बेडिंघम
दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद बेडिंघम ने कहा, “यह एक अद्भुत मौका है और पूरी टीम इस अवसर को लेकर बेहद उत्साहित है। मुकाबला किसी भी ओर जा सकता है, लेकिन हमारे खेमे में जीत का पूरा भरोसा है।”
दो दिन में 28 विकेट गिरने से यह तो साफ है कि गेंदबाज़ों का बोलबाला रहा है और आखिरी पारी में रन बनाना आसान नहीं होगा। लेकिन बेडिंघम को उम्मीद है कि जैसे-जैसे पिच धीमी हुई है, चौथी पारी में बल्लेबाज़ों को थोड़ी राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा, “जब पिच चुनौतीपूर्ण हो और सामने छह बेहतरीन सीम गेंदबाज़ हों, तो बल्लेबाज़ी मुश्किल हो जाती है। मगर अब विकेट थोड़ी धीमी हो गई है और गेंद भी ज्यादा मूव नहीं कर रही। उम्मीद है कि आखिरी पारी में स्थिति हमारे पक्ष में रहेगी।”
ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी को बताया बेमिसाल
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा, “व्यक्तिगत रूप से मुझे नहीं लगा कि उन्होंने कोई खराब गेंद फेंकी। यही वजह है कि वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ माने जाते हैं। लेकिन हम उनकी काट निकालने की योजना पर काम कर रहे हैं। अगर आप उनके खिलाफ डगमगाते हैं – न बचाव करते हैं, न आक्रमण – तो आउट होना तय है।”
क्या लॉर्ड्स में इतिहास रचेगा दक्षिण अफ्रीका?
अब बात इतिहास की करें तो लॉर्ड्स में चौथी पारी में सफल रनचेज़ की लिस्ट छोटी है। सबसे बड़ी सफल रनचेज़ 1984 में वेस्टइंडीज ने 342 रन बनाकर इंग्लैंड के खिलाफ की थी। 2022 में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 277 और 2004 में 282 रन चेज़ किए थे। वहीं, 1965 में इंग्लैंड ने 218 रन का पीछा कर जीत हासिल की थी।
दक्षिण अफ्रीका को अगर खिताब जीतना है, तो इन आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए नया इतिहास रचना होगा। टीम का हौसला ऊंचा है, और अब देखना है कि क्या मैदान पर भी यह आत्मविश्वास नतीजे में तब्दील होता है।