नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रिलायंस ग्रुप की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। बैंक ने कंपनी के एक पुराने लोन अकाउंट को ‘धोखाधड़ी’ (Fraud) घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही, कंपनी के पूर्व चेयरमैन अनिल अंबानी का नाम भी रिजर्व बैंक को भेजने की तैयारी है, ताकि उन्हें RBI की निगरानी सूची में शामिल किया जा सके।
इस मामले की जानकारी खुद रिलायंस कम्युनिकेशंस ने स्टॉक एक्सचेंज को दी है। कंपनी ने बताया कि उसे 30 जून 2025 को SBI की तरफ से एक आधिकारिक पत्र मिला, जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगस्त 2016 से जुड़े एक कर्ज खाते को ‘फ्रॉड’ घोषित किया जा रहा है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस ने BSE को दी गई फाइलिंग में लिखा, “यह पत्र 23 जून 2025 को जारी किया गया था। इसमें जिन लोन और क्रेडिट फैसिलिटीज का उल्लेख है, वे उस दौर की हैं जब कंपनी अभी दिवालिया घोषित नहीं हुई थी। अब इन मामलों को या तो समाधान योजना के तहत सुलझाया जाएगा या फिर लिक्विडेशन की प्रक्रिया में हल किया जाएगा।”
गौरतलब है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस इस वक्त दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC), 2016 के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रही है। कंपनी ने बताया कि लेनदारों की समिति (CoC) ने पहले ही एक समाधान योजना को मंजूरी दे दी है, जो अब राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT), मुंबई की अनुमति का इंतजार कर रही है।
एसबीआई ने इससे पहले दिसंबर 2023, मार्च 2024 और फिर सितंबर 2024 में कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। लेकिन बैंक का कहना है कि कंपनी इन नोटिसों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। न तो उसने यह स्पष्ट किया कि उसने लोन की शर्तों का उल्लंघन क्यों किया, और न ही बैंक के पूछे गए सवालों का सही तरीके से जवाब दिया।
इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद निवेशकों की नजर अब इस बात पर टिकी है कि NCLT और RBI की अगली कार्रवाई क्या होगी। वहीं, अनिल अंबानी और उनके ग्रुप के लिए यह झटका और गहराता दिख रहा है।
