मुंबई। भारत का आईटी सेक्टर, जो आमतौर पर तेज़ विकास और नई संभावनाओं के लिए जाना जाता है, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कुछ धीमा पड़ता नजर आ सकता है। फाइनेंशियल सर्विस फर्म इक्विरस सिक्योरिटीज की ताजा रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है कि आईटी कंपनियों की तिमाही आय इस बार ज्यादा उत्साहजनक नहीं रहेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े ब्रांड्स जैसे इंफोसिस और टेक महिंद्रा के साथ-साथ मिडकैप कंपनियों जैसे जेनसार, एमफैसिस, केपीआईटी और ईक्लर्क्स की परफॉर्मेंस भी इस तिमाही में मिली-जुली रह सकती है।
खास बात यह है कि इंफोसिस द्वारा अमेरिकी डॉलर में 1.0% से 3.25% तक की ग्रोथ का अनुमान जताया गया है, जिसमें इनऑर्गेनिक ग्रोथ का थोड़ा योगदान रहेगा। हालांकि, कंपनी ने अपने EBITM मार्गदर्शन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि शीर्ष 6 लार्ज कैप कंपनियां सीसी टर्म्स में इस तिमाही में (-)2.6% से 1.4% तक की सीमित वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। इसके अलावा क्रॉस-करेंसी के चलते इन्हें 120 से 230 बेसिस प्वाइंट्स तक का सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
दूसरी ओर, कुछ मिडकैप आईटी और बीपीओ सर्विस कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई गई है। हालांकि, समग्र रूप से मांग को लेकर कंपनियां सतर्क रुख अपनाएंगी, लेकिन BFSI सेक्टर में थोड़ी राहत की उम्मीद की जा रही है।
TCS के बारे में अनुमान है कि उसका अमेरिकी डॉलर में राजस्व 0.4% तक घट सकता है, जिसका मुख्य कारण BSNL डील की सुस्ती और इंटरनेशनल मार्केट्स में ठंडी मांग बताई गई है।
वहीं विप्रो की सेल्स में भी 2.6% तक की गिरावट आ सकती है, जबकि एचसीएल टेक के लिए यह आंकड़ा 1.4% रहने का अनुमान है। टेक महिंद्रा की बात करें तो रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी को मौसमी मंदी और कुछ हाई-टेक क्लाइंट्स की कमजोर डिमांड के कारण 0.8% की गिरावट झेलनी पड़ सकती है।
कुल मिलाकर, यह रिपोर्ट आईटी सेक्टर में फिलहाल स्थिरता की झलक देती है, जहां चुनौतियों के बीच कुछ कंपनियों को उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।