KP SHARMA OLI, NEPAL, PM

PM ओली को सुप्रीम कोर्ट से राहत, चार साल पुरानी 52 संवैधानिक नियुक्तियां वैध घोषित

काठमांडू। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनके पिछले कार्यकाल में की गईं 52 संवैधानिक पदों पर नियुक्तियों को वैध ठहराते हुए लंबी कानूनी लड़ाई का अंत कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने बुधवार देर रात करीब 12:15 बजे 3-2 के बहुमत से फैसला सुनाया। यह मामला उस वक्त उठा था जब पीएम ओली ने संसद भंग करने के बाद एक अध्यादेश के जरिए संवैधानिक परिषद की कार्यप्रणाली में बदलाव करते हुए इन पदों पर नियुक्तियां की थीं। विपक्ष ने इसे असंवैधानिक ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

करीब चार साल तक चली सुनवाई के बाद संवैधानिक बेंच के पांच सदस्यों – प्रधान न्यायाधीश प्रकाशमान सिंह राउत, जज सपना प्रधान मल्ल, मनोज शर्मा, कुमार चुड़ाल और नहकूल सुवेदी – ने फैसला सुनाया। इनमें से प्रधान न्यायाधीश राउत और जज नहकूल सुवेदी ने नियुक्तियों को रद्द करने की बात कही, जबकि तीन अन्य जजों ने इन्हें वैध करार दिया। बहुमत के आधार पर नियुक्तियां बरकरार रहीं।

वरिष्ठ जज सपना प्रधान मल्ल ने अपने मत में कहा कि चार साल बाद, जब इनमें से कई अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, तब जाकर इन नियुक्तियों को अवैध घोषित करना न तो व्यावहारिक है और न ही न्यायसंगत।

इस फैसले के साथ पीएम ओली की उस दौर की संवैधानिक कार्रवाईयों को कानूनी मान्यता मिल गई है, जिसे लंबे समय से विवादों में घिरा हुआ माना जा रहा था।

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