जोधपुर। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि देश की सीमाएं उनके मजबूत हाथों में पूरी तरह महफूज हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बीएसएफ ने थल सेना और वायुसेना के साथ तालमेल बनाते हुए पाकिस्तान की ओर से की जा रही घुसपैठ और ड्रोन गतिविधियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। बीएसएफ के महानिरीक्षक एमएल गर्ग ने सोमवार को जोधपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी दी और इसे “एक समन्वित और साहसी कार्रवाई” करार दिया।
गर्ग ने बताया कि राजस्थान के सीमावर्ती जिलों—जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर—में पाकिस्तान की तरफ से की जा रही ड्रोन गतिविधियों का मुस्तैदी से मुकाबला किया गया। एयरस्पेस की सुरक्षा में सेंध लगाने की हर कोशिश को बीएसएफ ने भारतीय सेना और एयर फोर्स के साथ मिलकर तुरंत नाकाम किया।
महिला प्रहरियों की 24 घंटे निगरानी
ऑपरेशन के दौरान महिला बीएसएफ जवानों ने अद्वितीय साहस दिखाते हुए दिन-रात सीमाओं की निगरानी की। गर्ग ने बताया कि इन महिला प्रहरियों की चौकसी और प्रतिबद्धता ने ऑपरेशन को और अधिक प्रभावशाली बनाया।
ड्रोन अलर्ट, सोशल मीडिया पर जवाबी मोर्चा
पाकिस्तानी मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर चलाए जा रहे झूठे प्रचार के जवाब में बीएसएफ ने भी सोशल मीडिया पर सच और तथ्य आधारित जानकारी साझा करना शुरू किया, जिससे सीमा पर रहने वाले नागरिकों को भरोसा और मनोबल दोनों मिला।
वीरों को मिला सम्मान
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जैसलमेर के अग्रिम पोस्टों का दौरा किया और बीएसएफ के जवानों के जज़्बे की सराहना की। इस दौरान असिस्टेंट कमांडेंट पीके मिश्रा समेत कई जवानों को ‘कमेंडेशन डिस्क’ से सम्मानित किया गया।
“हम हैं देश की पहली रक्षा पंक्ति”
आईजी गर्ग ने कहा, “बीएसएफ देश की पहली डिफेंस लाइन है। हमारे जवान हर चुनौती का सामना सीना ठोक कर करते हैं और देश की सरहद को कोई पार नहीं कर सकता, जब तक हम निगहबान हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में बीएसएफ की साहसिकता और पेशेवर प्रतिबद्धता की सराहना की है।
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा को लेकर बीएसएफ के समर्पण, साहस और तकनीकी दक्षता का प्रतीक बन गया है। सीमाओं पर तैनात हर जवान की सतर्क निगाहें ही हैं जो भारत को भीतर से सुरक्षित और बाहरी खतरों से मुक्त रखती हैं।
