नई दिल्ली। ईरान और इजराइल के बीच गहराते सैन्य तनाव के बीच भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ की शुरुआत की है। इस अभियान की पहली बड़ी सफलता में गुरुवार सुबह इंडिगो की विशेष उड़ान 6E 9487 से 110 भारतीय नागरिक सुरक्षित दिल्ली पहुंचाए गए, जिनमें जम्मू-कश्मीर के 90 छात्र शामिल थे। इन छात्रों को ईरान की उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी से निकाला गया।
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने सभी नागरिकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा, “भारत सरकार अपने हर नागरिक की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। जरूरत पड़ी तो और विमान भेजे जाएंगे।”
उन्होंने बताया कि जल्द ही एक और विमान ईरान रवाना होगा। साथ ही तुर्कमेनिस्तान में फंसे कुछ और भारतीयों की निकासी की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। सरकार ने इस मिशन के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन भी शुरू कर दी है।
ईरान से लौटे छात्रों ने अपने अनुभव साझा करते हुए भारत सरकार की त्वरित कार्रवाई और संवेदनशीलता की सराहना की। एक छात्र ने बताया, “वहां हालात बेहद भयावह थे। ड्रोन उड़ते दिखे, लोग घायल थे, इंटरनेट बंद था और हम डरे हुए थे कि कोई हमें लेने आएगा भी या नहीं। लेकिन भारत सरकार ने समय पर मदद भेजी और हम सुरक्षित घर लौट सके।”
एक अन्य छात्र ने कहा, “दो दिन पहले स्थिति थोड़ी संभली हुई थी, लेकिन अब हालात बेकाबू हैं। ऐसे समय में जिस तरह से भारतीय दूतावास और सरकार ने हमारी मदद की, हम इसके लिए आभारी हैं।”
इस संकट में भारतीय दूतावासों ने अहम भूमिका निभाई। छात्र बताते हैं कि चाहे ईरान हो या आर्मेनिया, दूतावासों ने निकासी अभियान को प्राथमिकता दी और हर स्तर पर सहयोग किया।
‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत अब तक की सफलता न सिर्फ भारत की त्वरित विदेश नीति को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि संकट की घड़ी में सरकार अपने नागरिकों के साथ खड़ी है।