NASA करेगा Axiom Mission-4 की ऐतिहासिक वापसी का लाइव प्रसारण, भारत के शुभांशु शुक्ला पर रहेंगी सबकी निगाहें

नई दिल्ली। अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए एक रोमांचक खबर! NASA ने घोषणा की है कि वह Axiom Mission-4 की पृथ्वी पर वापसी और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से प्रस्थान का सीधा प्रसारण करेगा। इस प्राइवेट स्पेस मिशन में भारत के गर्व, शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं, जिनकी वापसी पर अब पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।

यह बहुप्रतीक्षित वापसी 14 जुलाई (सोमवार) को होगी। सुबह 7:05 बजे (ईस्टर्न डेलाइट टाइम) स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए यह मिशन ISS के हॉर्मनी मॉड्यूल से रवाना होगा। इसके बाद यान कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा।

NASA की लाइव कवरेज सुबह 4:30 बजे से शुरू होगी, जब यान का हैच बंद किया जाएगा। इसके बाद 4:55 बजे चालक दल ड्रैगन यान में प्रवेश करेगा और 6:45 बजे से अंडॉकिंग की कवरेज शुरू होगी। यान के अलग होने के करीब 30 मिनट बाद तक NASA का प्रसारण जारी रहेगा। स्प्लैशडाउन की कवरेज Axiom Space अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिखाएगा।

चार देशों का गौरव एक मिशन में

Axiom Mission-4 चार अंतरिक्ष यात्रियों के साथ एक वैश्विक प्रयास का प्रतीक बन गया है:

  • पेगी व्हिटसन – पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space में मानव उड़ान निदेशक
  • शुभांशु शुक्ला – ISRO के प्रतिनिधि और भारत के अंतरिक्ष मिशन का अहम चेहरा
  • स्लावोस उजनांस्की-विसनेव्स्की – पोलैंड के ESA प्रोजेक्ट के अंतरिक्ष यात्री
  • टिबोर कपू – हंगरी के हुनोर प्रोग्राम के अंतरिक्ष यात्री

इन सभी ने अंतरिक्ष में करीब दो सप्ताह बिताए हैं और अब यह ऐतिहासिक यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर है।

वैज्ञानिक प्रयोगों से भरी वापसी

ड्रैगन यान के साथ अंतरिक्ष से 580 पाउंड से ज्यादा वैज्ञानिक उपकरण और डेटा भी वापस लाए जाएंगे। इनमें NASA के हार्डवेयर के अलावा 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोगों का डेटा शामिल है, जो भविष्य के अनुसंधानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

भारत-अमेरिका सहयोग का फल

इस मिशन की खास बात यह है कि यह भारत और अमेरिका के अंतरिक्ष सहयोग का एक बड़ा पड़ाव है। यह मिशन उस वादे की पूर्ति है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था—एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक भेजने का। इस सहयोग के तहत दोनों देशों ने मिलकर पांच संयुक्त वैज्ञानिक प्रयोग और दो इन-ऑर्बिट STEM डेमो भी किए हैं।

पोलैंड-हंगरी के लिए ऐतिहासिक पल

Axiom Mission-4 न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि पोलैंड और हंगरी के लिए भी ऐतिहासिक है, क्योंकि यह पहली बार है जब इन देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS की यात्रा की है।


इस मिशन ने वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग और निजी अंतरिक्ष उड़ानों के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। अगर आप इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनना चाहते हैं, तो NASA+ और उसके आधिकारिक सोशल मीडिया चैनल्स पर 14 जुलाई की सुबह की तारीख नोट कर लीजिए – क्योंकि अंतरिक्ष से धरती की ओर वापसी अब लाइव होगी!

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