तेहरान/तेल अवीव/वाशिंगटन/लंदन। मध्य पूर्व में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। अमेरिकी लड़ाकू विमानों के धुआंधार हमलों के बाद ईरान और इजराइल आमने-सामने आ गए हैं। रविवार सुबह दोनों देशों ने एक-दूसरे की सरजमीं पर मिसाइलें दागीं, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई।
तेहरान की फिजा में मिसाइलें तैरती नजर आईं तो यरुशलम में सायरन गूंजने लगे। लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित बंकरों की ओर भागे। ईरानी मीडिया के मुताबिक, तेहरान में दोबारा एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव कर दिया गया है। वहीं, इजराइली सेना ने दावा किया है कि उसने ईरान की मिसाइल को हवा में ही निष्क्रिय कर दिया।
इजराइल की आपातकालीन सेवा मैगन डेविड एडोम ने कहा कि अब तक किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। हालांकि, एक वीडियो में ईरानी मिसाइल को यरुशलम के आसमान में उड़ते हुए देखा गया है। इसके जवाब में, इजराइली सेना ने तेहरान के दक्षिण-पूर्वी इलाके में स्थित ईरान के प्रमुख सैन्य अड्डे परचिन पर करारा हमला किया है।
इसी बीच, अमेरिका ने भी अपने मिशन “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। अमेरिका के मिसौरी बेस पर बी-2 स्टील्थ बॉम्बर की सुरक्षित वापसी की पुष्टि खुद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है। इस अभूतपूर्व ऑपरेशन में सात बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स सहित कुल 125 से ज्यादा फाइटर जेट्स शामिल थे। विशेषज्ञों का दावा है कि अमेरिका ने ईरान की भूमिगत फोर्डो परमाणु साइट को नेस्तनाबूद कर दिया है।
तनाव के इस माहौल में कूटनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया। डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से वैश्विक सुरक्षा को होने वाले खतरे पर गंभीर चर्चा की और भविष्य में लगातार संपर्क में रहने की बात कही।
मध्य पूर्व इस वक्त बारूद के ढेर पर बैठा है। अब सबकी निगाहें अगली कार्रवाई पर टिकी हैं – क्या ये जंग और आगे बढ़ेगी या कूटनीति की कोई खिड़की खुलेगी?