मुंबई। भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए अगला हफ्ता कई बड़े इवेंट्स के चलते बेहद अहम साबित हो सकता है। तिमाही नतीजों की शुरुआत, भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर संभावित अपडेट्स, एफआईआई की चाल और मानसून की रफ्तार—ये सभी फैक्टर बाजार की दिशा तय करेंगे।
अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों की शुरुआत अगले हफ्ते से हो रही है। इस दौरान 5पैसा, आनंदराठी, टाटा एलेक्सी, टीसीएस और डीमार्ट जैसी बड़ी कंपनियां अपने वित्तीय परिणाम पेश करेंगी। इन नतीजों से सेक्टोरल सेंटीमेंट पर खासा असर देखने को मिल सकता है।
भारत और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड बातचीत पर अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। हालांकि अगर इस सप्ताह कोई सकारात्मक घोषणा होती है, तो इसका सीधा असर बाजार की चाल पर दिखाई देगा।
इसी कड़ी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “रेसिप्रोकल टैरिफ” की डेडलाइन 9 जुलाई को खत्म हो रही है, जिसे लेकर भी निवेशकों की नजर बनी हुई है।
इसके अलावा, भारतीय मौसम विभाग (IMD) की मानें तो आने वाले दिनों में उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में मानसून सक्रिय रह सकता है। कृषि क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के लिए यह खबर राहत की हो सकती है।
बीते कारोबारी हफ्ते की बात करें तो बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहा। सेंसेक्स 626.01 अंक गिरकर 83,432.89 पर और निफ्टी 176.80 अंक लुढ़ककर 25,461.00 पर बंद हुआ। हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में निवेशकों ने भरोसा दिखाया। निफ्टी मिडकैप 100 करीब 292 अंक और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 56 अंक की बढ़त के साथ बंद हुए।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस की बात करें तो PSU बैंक, फार्मा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस इंडेक्स में मजबूती देखी गई, जबकि रियल्टी, फाइनेंशियल सर्विसेज और प्राइवेट बैंक इंडेक्स ने दबाव बनाया।
एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) ने बीते हफ्ते 6,604 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशकों) ने 7,609 करोड़ रुपये की खरीदारी कर बाजार में स्थिरता लाने की कोशिश की।
बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़े अहम आंकड़े जैसे चीन की महंगाई दर और अमेरिका के बेरोजगारी क्लेम्स के आंकड़े भी घरेलू बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं।
इस हफ्ते निवेशकों को सतर्कता और स्मार्ट मूव्स के साथ करना होगा फैसला, क्योंकि बाजार में हलचलें तेज हो सकती हैं।