अमृतसर: पंजाब में आतंरिक सुरक्षा को चुनौती देने वाली एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इन पर सीधे आईएसआई हैंडलर से संपर्क में रहकर संवेदनशील जानकारियां साझा करने का आरोप है।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने रविवार को अपने एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) हैंडल पर इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी फौजी और साहिल मसीह उर्फ शाली के रूप में हुई है। शुरुआती जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि गुरप्रीत सीधे आईएसआई हैंडलर राणा जावेद के संपर्क में था और पेन ड्राइव के ज़रिए संवेदनशील सैन्य और गोपनीय सूचनाएं साझा कर रहा था।
DGP ने यह भी बताया कि दोनों आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर आईएसआई से संपर्क के लिए किया जा रहा था। उन्होंने कहा, “एक व्यापक जासूसी और आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में जांच जारी है। पंजाब पुलिस राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
यह कार्रवाई राज्य में हाल के दिनों में की गई कई अहम गिरफ्तारियों की कड़ी का हिस्सा है। इससे पहले भी पुलिस ने तरनतारन से गगनदीप सिंह नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जो पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला और आईएसआई के लिए जासूसी कर रहा था। उसके पास से दो मोबाइल फोन और 20 से ज्यादा आईएसआई संपर्कों की जानकारी बरामद हुई थी।
पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने बीते दिनों बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के एक आतंकी मॉड्यूल को भी ध्वस्त करने का दावा किया था। इस कार्रवाई में अमृतसर के जलालुसमा गांव से ओंकार सिंह उर्फ नवाब को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से छह विदेशी अत्याधुनिक पिस्तौल बरामद की गईं, जिन्हें ड्रोन के जरिए सीमा पार से भारत में भेजा गया था।
इन लगातार हो रही गिरफ्तारियों से यह साफ है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां और खालिस्तानी आतंकी संगठन अभी भी भारत में अपने नेटवर्क को सक्रिय रखने की कोशिशों में जुटे हैं। हालांकि पंजाब पुलिस की सजगता और सख्ती के चलते इन मंसूबों पर लगातार पानी फेरा जा रहा है।