जयपुर। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 में राजस्थान रॉयल्स की स्थिति अब काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है। नौ में से केवल दो मैच जीतने के बाद टीम अंकतालिका में सबसे निचले स्थान पर है। हालांकि गणितीय दृष्टि से प्लेऑफ की उम्मीद अभी भी बरकरार है, लेकिन गेंदबाजी कोच शेन बॉन्ड ने माना कि इस सीजन में टीम के लिए आगे का रास्ता बेहद कठिन है। फिर भी, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बाकी पांच लीग मैचों में टीम और खिलाड़ी अपने सर्वोत्तम प्रदर्शन को साबित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
राजस्थान रॉयल्स ने हाल के कुछ मैच बेहद करीबी अंतर से गंवाए हैं। शेन बॉन्ड ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सबसे कठिन बात यह है कि हम मैच के लगभग 35 ओवरों तक विपक्षी टीम पर नियंत्रण बनाए हुए थे, लेकिन अंतिम क्षणों में हम हार गए। अगर आप अंकतालिका देखें, तो हम सोच सकते हैं कि हम कहां हो सकते थे, लेकिन अब कुछ भी नहीं बदल सकता।”
उन्होंने आगे कहा, “शायद हम अब टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ दांव पर है। टीम के लिए सीजन को मजबूती से खत्म करना और व्यक्तिगत तौर पर खुद को साबित करना जरूरी है।”
इस सीजन में राजस्थान रॉयल्स को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। कप्तान संजू सैमसन चोटिल रहने के कारण टीम से बाहर रहे, जिसके बाद 22 वर्षीय रियान पराग को कप्तानी संभालनी पड़ी और 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी को ओपनिंग करनी पड़ी। हालांकि, वैभव ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया, लेकिन बाकी बल्लेबाजों के असंगत प्रदर्शन ने टीम को मुश्किल में डाल दिया।
राजस्थान रॉयल्स अब तक पांच बार लक्ष्य का पीछा करते हुए हार चुकी है। पावरप्ले में सबसे तेज रन बनाने के बावजूद, टीम मिडिल और डेथ ओवर्स में रन गति बनाए रखने में नाकाम रही है। स्पिन गेंदबाजों का प्रदर्शन भी कमजोर रहा है, जिनकी इकॉनमी रेट (9.16) और स्ट्राइक रेट (23) लीग में सबसे खराब रही है।
बॉन्ड ने अपनी गेंदबाजी इकाई का बचाव करते हुए कहा, “हाल के तीन मैचों में हमने विपक्षी टीमों को ऐसे स्कोर पर रोका, जिसे हम आसानी से चेज़ कर सकते थे। हमने मौके गंवाए, खासकर बल्लेबाजी में।”
जोफ्रा आर्चर ने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन उतनी नियमितता से विकेट नहीं निकाल पाए जितनी गुजरात टाइटंस के प्रसिद्ध कृष्णा ने। वहीं तुषार देशपांडे और संदीप शर्मा भी निर्णायक पल में प्रभावी साबित नहीं हो पाए।
अब राजस्थान रॉयल्स के लिए गुजरात टाइटंस के खिलाफ सोमवार का मुकाबला ‘करो या मरो’ जैसा होगा। हारने पर प्लेऑफ की सभी उम्मीदें खत्म हो जाएंगी, लेकिन जीतने पर टीम कुछ समय के लिए दौड़ में बनी रह सकती है।
शेन बॉन्ड ने कहा, “पिछले साल हमने घर पर लगभग सारे मैच जीते थे, लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग हैं। अब हमारा मुख्य उद्देश्य सीजन को सम्मानजनक तरीके से समाप्त करना है। खिलाड़ियों का जज्बा और मेहनत आखिरी दिन तक जारी रहेगा।”