देहरादून। उत्तराखंड में सक्रिय मानसून ने चारधाम यात्रा को भी अपने प्रभाव में ले लिया है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए जाने वाले मार्गों पर लगातार हो रही बारिश से पहाड़ दरकने लगे हैं और जगह-जगह मलबा गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इससे यात्रा रुक-रुक कर चल रही है और कई मार्ग पूरी तरह बाधित हो गए हैं।
रुद्रप्रयाग जिले में बीते तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। शुक्रवार रात भारी बारिश के बाद सोनप्रयाग के हनुमान मंदिर, शटल पुल और मुनकटिया के पास बार-बार मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे मार्ग बार-बार बंद हो रहा है। प्रशासन मलबा हटाने में जुटा है, जबकि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें राहत और निगरानी कार्य में सक्रिय हैं।
राजमार्गों पर भी आफत
ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिरोबगड़ के पास पहाड़ी से बड़े बोल्डर गिरने के कारण दो जगहों पर यातायात बंद है। लोक निर्माण विभाग की टीमें मार्ग को खोलने के लिए मौके पर तैनात हैं। उत्तरकाशी में गंगोत्री राजमार्ग नेताला, बिशनपुर, लालडांग और हेल्कूगाड के पास मलबा गिरने से बंद है, वहीं यमुनोत्री राजमार्ग पालीगाड के पास बाधित हुआ है। चमोली जिले में बद्रीनाथ हाईवे ‘भनेर पानी’ और नंदप्रयाग के पास मलबा आने से बंद पड़ा है, जबकि ग्रामीण इलाकों की कई संपर्क सड़कें भी पूरी तरह बंद हैं।
रुद्रप्रयाग पुलिस का अपडेट
रुद्रप्रयाग पुलिस ने सोशल मीडिया पर बताया कि जिले और पौड़ी सीमा पर स्थित सिरोबगड़ के पास दो स्थानों पर मलबा गिरने से राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित है। मार्ग को खोलने के प्रयास जारी हैं। वहीं, सोनप्रयाग क्षेत्र में मार्ग खुलते ही पुलिस की निगरानी में यात्रियों को मुनकटिया स्लाइडिंग जोन पार कराकर केदारनाथ धाम भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने की अपील
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेते हुए सभी यात्रियों और आमजन से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अनावश्यक यात्रा से फिलहाल बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि राज्य सरकार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हर संभव सहायता स्थानीय प्रशासन को दी जा रही है।
चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए यह समय सतर्कता और धैर्य का है। खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन की सलाहों का पालन करना ही सबसे बेहतर उपाय है।