Gujarat Bridge Collapse

Gujarat Bridge Collapse: महिसागर नदी में समाए कई वाहन, 9 की मौत, पीएम मोदी और सीएम पटेल ने जताया शोक

वडोदरा: गुजरात के वडोदरा जिले में मंगलवार सुबह उस वक्त दिल दहला देने वाला हादसा हो गया, जब महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना गंभीरा पुल अचानक ढह गया। हादसे में दो ट्रक, दो पिकअप व एक रिक्शा समेत कई वाहन नदी में गिर गए, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 8 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों, खासकर मुजपुर से ग्रामीण मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए। वहीं, पादरा पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए राहत व बचाव कार्य शुरू किया और शवों को नदी से बाहर निकाला।

पुल के गिरने से आणंद, वडोदरा, भरूच और अंकलेश्वर जैसे इलाकों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। यह वही पुल है जो लंबे समय से “सुसाइड पॉइंट” के तौर पर बदनाम रहा है।

पीएम मोदी और सीएम पटेल ने जताया शोक, किया मुआवजे का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने विदेश दौरे के दौरान फोन पर पूरी घटना की जानकारी ली और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की। साथ ही, घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने भी इस घटना को “बेहद दुखद” बताते हुए मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया कराया जाएगा।

ट्रैफिक पर रोक, वैकल्पिक मार्गों का सहारा

आणंद के अपर जिलाधिकारी ऋतुराज देसाई ने बताया कि जब तक गंभीरा पुल की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक उस पर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है और वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से निकाला जा रहा है।

पुल की हालत पर उठे सवाल

पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता एनएम नायकवाला ने कहा कि गंभीरा पुल वर्ष 1985 में बना था और इसकी आयु 100 वर्ष मानी जाती है। उन्होंने दावा किया कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी पुल की मरम्मत की गई थी और गड्ढे भर दिए गए थे। पुल की स्थिति “जर्जर” नहीं थी, लेकिन घटना के असल कारणों का खुलासा तकनीकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।

इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर से राज्य में पुलों की सुरक्षा व्यवस्था और उनकी समय-समय पर जांच की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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