नई दिल्ली। भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है। ICRA की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2026 में देश में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में 7 से 10 प्रतिशत की दमदार वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट में भारतीय विमानन उद्योग के लिए “स्थिर” दृष्टिकोण जाहिर किया गया है, जो सेक्टर की मजबूती और मांग में लगातार हो रही बढ़ोतरी को दर्शाता है।
रिपोर्ट बताती है कि जून 2025 में घरेलू उड़ानों से सफर करने वाले यात्रियों की अनुमानित संख्या 138.7 लाख तक पहुंच सकती है, जो जून 2024 की तुलना में 5.1% अधिक है। हालांकि महीने-दर-महीने आधार पर इसमें मामूली गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, एयरलाइनों की कैपिसिटी तैनाती जून 2024 की तुलना में 4.9% अधिक रही है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में भी रफ्तार
अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्राओं की बात करें तो मई 2025 में भारतीय वाहकों से यात्रा करने वालों की संख्या 29.7 लाख रही, जो सालाना आधार पर 7.3% की बढ़ोतरी दर्शाती है। इसी तरह, वित्त वर्ष 2026 के शुरुआती दो महीनों में कुल 59.8 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने भारतीय एयरलाइनों से सफर किया, जिसमें 12.1% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई।
भू-राजनीतिक चुनौतियां बनीं चिंता का विषय
रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि भू-राजनीतिक तनाव जैसे भारत-पाक तनाव, ईरान-इजराइल संघर्ष, और हालिया विमान हादसों से उत्पन्न परिचालन चुनौतियां विमानन कंपनियों की लागत पर असर डाल सकती हैं। ईंधन की बढ़ती कीमतें और बीमा प्रीमियम में संभावित बढ़ोतरी भी सेक्टर के सामने जोखिम पैदा कर सकती हैं।
फ्लाईर्स की संख्या स्थिर, किराया भी संतुलित
रिपोर्ट में राहत की बात यह बताई गई है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद अब तक कुल यात्रियों की संख्या और किराया दरें स्थिर बनी हुई हैं। वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 422.4 लाख घरेलू यात्रियों ने हवाई सफर किया, जो सालाना आधार पर 5.1% की बढ़ोतरी दर्शाता है।
2024 के मुकाबले थोड़ी धीमी रफ्तार
हालांकि, ICRA ने माना कि 2024 के उच्च आधार और 2025 की पहली छमाही में गर्मी और खराब मौसम के कारण यात्री संख्या पर असर पड़ा है। इसी वजह से FY25 में घरेलू हवाई यात्री वृद्धि दर घटकर 7.6% पर आ गई है।