जम्मू। आस्था और भक्ति की मिसाल मानी जाने वाली श्री अमरनाथ यात्रा का आगाज़ मंगलवार को भक्तिभाव और सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतज़ामों के साथ हुआ। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर स्थित आधार शिविर से पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर यात्रा का विधिवत शुभारंभ किया। यात्रियों के रवाना होते ही वातावरण ‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ के जयघोष से गूंज उठा।
इस पहले जत्थे में कुल 5892 श्रद्धालु शामिल थे, जिनमें से 2487 बालटाल मार्ग और 3403 पहलगाम मार्ग के जरिए पवित्र गुफा की ओर रवाना हुए। गुफा तक की यात्रा औपचारिक रूप से 3 जुलाई से शुरू होगी, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह पहले दिन से ही चरम पर नजर आया।
यात्रा शुरू होने से पहले उपराज्यपाल सिन्हा ने जम्मू के यात्री निवास बेस कैंप में पूजा-अर्चना की और तीर्थयात्रियों की सुखद यात्रा की कामना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और स्थानीय नागरिकों ने इस यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए बेहतरीन तैयारी की है।
उन्होंने बताया कि 2022 के बाद से यात्रा मार्गों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जहां पहले रास्ते छह फीट चौड़े थे, अब उन्हें 12 फीट तक चौड़ा कर दिया गया है। अंधेरे रास्तों को रोशन करने के लिए अब ग्रिड कनेक्टिविटी स्थापित कर दी गई है। संपूर्ण यात्रा मार्ग पर टेलीफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध है और हाई-डेफिनिशन कैमरों के ज़रिए यात्रा की लाइव निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही आरएफआईडी-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम से हर श्रद्धालु की लोकेशन ट्रैक की जा रही है।
श्रद्धालु भी सुरक्षा और सुविधाओं से बेहद संतुष्ट नजर आए। शालू नाम की एक श्रद्धालु ने कहा, “व्यवस्था शानदार है, हम खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।” वहीं आकांक्षा ने कहा, “पहले जत्थे में शामिल होना हमारा सपना था और आज हम यहां हैं। डरने की कोई बात नहीं है।”
इस मौके पर भाजपा नेता सत शर्मा ने भी श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा को लेकर प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “आज हम देख सकते हैं कि हजारों श्रद्धालु बाबा भोले के जयकारे लगाते हुए यात्रा पर निकले हैं, इससे बड़ा प्रमाण नहीं हो सकता कि लोगों को प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर पूरा भरोसा है।”
इस भव्य और सुरक्षित शुरुआत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आस्था और प्रशासनिक तैयारी के मेल से अमरनाथ यात्रा न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि संगठित और सुरक्षित अनुभव बन चुकी है।