अहमदाबाद। अहमदाबाद विमान हादसे के तीसरे दिन शनिवार सुबह एक और दर्दनाक तस्वीर सामने आई, जब राहत टीमों ने विमान के पिछले हिस्से के मलबे से एक युवती का शव बरामद किया। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि मृतका एयर होस्टेस थी।
वहीं, जिस हॉस्टल की छत पर विमान का हिस्सा गिरा था, वहां मौजूद चार एमबीबीएस छात्रों की भी मौत की पुष्टि हो गई है। हादसे में जान गंवाने वालों के शवों की पहचान और उन्हें परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया अब तेज़ कर दी गई है। डीएनए सैंपलिंग और पोस्टमार्टम का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
तीसरे दिन भी राहत और बचाव अभियान जारी
घटना स्थल पर राहत कार्य बिना रुके जारी है। अहमदाबाद फायर ब्रिगेड की टीम ने आज सुबह विशेष उपकरणों की मदद से क्षतिग्रस्त विमान के पिछले हिस्से को काटकर शव निकाला। अधिकारियों का मानना है कि शव किसी एयर होस्टेस का हो सकता है। साथ ही, हादसे के समय हॉस्टल की छत पर मौजूद रहे 4 मेडिकल छात्रों की मौत की भी पुष्टि हो गई है, जिससे कॉलेज और परिवार में मातम पसर गया है।
शवों की पहचान और अंतिम यात्रा की तैयारी
अब तक 270 शवों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है। इनमें से 8 की पहचान हो गई है और उनके शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। इस संवेदनशील कार्य के लिए राज्य सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं। शवों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए अलग-अलग जिलों से शव वाहन, एंबुलेंस और ICU ऑन व्हील्स मंगवाए गए हैं। सिविल अस्पताल परिसर में 192 एंबुलेंस व शव वाहन स्टैंडबाय पर हैं और ड्राइवरों को चौबीसों घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है।
मृत्यु प्रमाणपत्र वहीं मिल रहा, डीएनए जांच में तेजी
पोस्टमार्टम हाउस पर ही परिजनों को तत्काल मृत्यु प्रमाणपत्र प्रदान किया जा रहा है। अहमदाबाद नगर निगम के जन्म-मृत्यु विभाग ने मौके पर ही एक अलग व्यवस्था की है ताकि शोक संतप्त परिवारों को कहीं और भटकना न पड़े।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि डीएनए सैंपलिंग का कार्य लगातार तीन दिनों से जारी है। नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं ताकि पीड़ितों की पहचान जल्द से जल्द सुनिश्चित की जा सके।
शोक में डूबा गुजरात, राहत की हर मुमकिन कोशिश
पूरा गुजरात इस भयावह त्रासदी से गहरे सदमे में है। हर गुजरते घंटे के साथ परिजनों का दर्द और बढ़ता जा रहा है। सरकार, प्रशासन और राहत दलों की पूरी कोशिश है कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद दी जाए और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
यह हादसा सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों के सपनों और भविष्य का अंत है। ऐसे में पूरे देश की नजरें अब इस हादसे की जांच, राहत और पुनर्वास कार्यों पर टिकी हैं।