वॉशिंगटन/प्योंगयांग। रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ती रणनीतिक नजदीकियों के बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शनिवार को उत्तर कोरिया पहुंचे। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दोनों देश हाल के वर्षों में आपसी सहयोग को नए आयाम देने की कोशिश कर रहे हैं।
रूसी समाचार एजेंसी ‘तास’ के मुताबिक, लावरोव का विमान उत्तर कोरिया के पूर्वी तटवर्ती शहर वॉनसन में उतरा, जहां हाल ही में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नया तटीय क्षेत्र खोला गया है। लावरोव की इस यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री चोई सोन-हुई से होगी, जिसमें द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर बातचीत की जाएगी।
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (KCNA) ने भी लावरोव की यात्रा की पुष्टि की है, हालांकि बातचीत के एजेंडे पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। लावरोव की यात्रा रविवार तक चलेगी, जिसके बाद वे चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेंगे।
यह यात्रा इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि पिछले साल जून में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई ऐतिहासिक मुलाकात में ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ पर सहमति बनी थी। इसके बाद से दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनीतिक सहयोग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
यूक्रेनी खुफिया एजेंसियों की मानें तो उत्तर कोरिया रूस की मदद के लिए यूक्रेन युद्ध में 25,000 से 30,000 अतिरिक्त सैनिक भेजने की योजना बना रहा है। इससे पहले पिछले साल करीब 11,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती की खबरें आई थीं।
वहीं, अमेरिका इस बढ़ते गठजोड़ से चिंतित नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर शांति प्रयासों को विफल करने का आरोप लगाते हुए यूक्रेन को और अधिक समर्थन देने का संकल्प जताया है।
लावरोव की यह यात्रा जहां रूस-उत्तर कोरिया संबंधों को नई मजबूती दे सकती है, वहीं अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी इसके प्रभाव गहरे हो सकते हैं।