मुंबई। आम आदमी की रसोई पर महंगाई के बीच जून महीने ने थोड़ी राहत दी है। क्रिसिल इंटेलिजेंस की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2025 में घर पर तैयार होने वाली शाकाहारी थाली की कीमत में सालाना आधार पर 8% और मांसाहारी थाली में 6% की गिरावट दर्ज की गई है। इसकी बड़ी वजह सब्जियों के दामों में आई गिरावट रही।
रिपोर्ट में कहा गया है कि खासकर टमाटर, प्याज और आलू जैसी रोजमर्रा की सब्जियों की कीमतों में जोरदार कमी देखने को मिली। टमाटर के भाव जहां पिछले साल जून में 42 रुपये प्रति किलो थे, वहीं इस बार जून में ये घटकर 32 रुपये पर आ गए – यानी करीब 24% की गिरावट। इसी तरह, आलू और प्याज के दाम भी क्रमशः 20% और 27% तक टूटे।
क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा का कहना है, “सब्जियों की कीमतों में नरमी से ही शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थालियों की लागत घटी है। खासतौर पर टमाटर की कीमत में भारी गिरावट ने इसका सबसे बड़ा योगदान दिया।”
हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि आने वाले महीनों में मौसमी असर के चलते सब्जियों के भाव फिर से चढ़ सकते हैं। प्याज की कीमतें धीरे-धीरे ऊपर जा सकती हैं क्योंकि ताजा स्टॉक बाजार में कम आ रहा है और भंडारित रबी स्टॉक को भी सीमित मात्रा में जारी किया जा रहा है। गर्मियों में कम बुआई के चलते टमाटर के दाम में भी क्रमिक बढ़ोतरी की आशंका जताई गई है।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि ब्रॉयलर चिकन की कीमतों में करीब 3% की वार्षिक गिरावट मांसाहारी थाली की लागत को नीचे लाने में अहम रही, क्योंकि इसका खर्च मांसाहारी थाली के कुल मूल्य का लगभग आधा हिस्सा होता है।
हालांकि, जून 2025 में मासिक आधार पर शाकाहारी थाली की कीमत में 3% और मांसाहारी थाली में 4% की हल्की बढ़त देखी गई है।
थाली की लागत का यह आकलन देश के चारों कोनों – उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत – में प्रचलित खाद्य वस्तुओं की कीमतों के आधार पर किया गया है। इससे यह समझने में मदद मिलती है कि महंगाई का आम आदमी के घरेलू बजट पर क्या असर पड़ रहा है।
