LI KEQIANG, CHINA

BRICS को बनना होगा बदलाव का अगुवा: चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग का बड़ा संदेश

रियो डी जेनेरियो: 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने वैश्विक मंच पर एक स्पष्ट और प्रभावशाली संदेश दिया। उन्होंने कहा कि BRICS देशों को वैश्विक शासन व्यवस्था में बदलाव की अगुवाई करनी चाहिए और विश्व शांति बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

शांति, सुरक्षा और वैश्विक शासन में सुधार’ सत्र को संबोधित करते हुए ली कियांग ने कहा कि आज की दुनिया तेज़ी से बदल रही है और पुराने अंतरराष्ट्रीय नियमों को नई चुनौतियाँ मिल रही हैं। ऐसे समय में BRICS देशों को नैतिक मूल्यों, निष्पक्षता और एकजुटता के साथ आगे आकर वैश्विक नेतृत्व करना होगा।

ली ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ‘साझा योगदान, साझी भागीदारी और साझा लाभ’ की सोच को याद दिलाते हुए कहा कि यह दृष्टिकोण आज के समय में और भी ज्यादा प्रासंगिक हो गया है। उन्होंने ज़ोर दिया कि वैश्विक विवादों का समाधान तभी संभव है जब सभी देश आपसी सम्मान और संवाद के जरिए मिलकर काम करें।

चीन के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि BRICS को ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बनते हुए विकासशील देशों के हितों की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्रिक्स को आपसी सहमति, स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के मूल्यों पर टिके रहकर वैश्विक विकास में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।

विकास और नवाचार पर फोकस

ली कियांग ने घोषणा की कि चीन इस वर्ष BRICS देशों के लिए ‘नई गुणवत्ता वाली उत्पादन क्षमताओं’ पर आधारित एक रिसर्च सेंटर स्थापित करेगा। साथ ही, एक नई स्कॉलरशिप योजना भी शुरू की जाएगी, जिसका मकसद टेलीकॉम और औद्योगिक क्षेत्रों में नई प्रतिभाओं को तैयार करना होगा।

उन्होंने BRICS देशों से अपील की कि वे आपसी सहयोग से उन नए क्षेत्रों में अवसर तलाशें, जो आने वाले समय में आर्थिक विकास को गति दे सकते हैं।

संस्कृति और संवाद से बनेगा बेहतर भविष्य

ली ने यह भी कहा कि अलग-अलग सभ्यताओं के बीच संवाद, सीख और आपसी समझ को बढ़ावा देना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने BRICS देशों से अपील की कि वे विविधता का सम्मान करते हुए मिलजुल कर ऐसा विश्व बनाएं जो शांतिपूर्ण और समावेशी हो।

BRICS का बढ़ता वैश्विक प्रभाव

बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि BRICS के बीच सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है और इसमें नई सदस्यता के ज़रिए भागीदारी भी बढ़ रही है। इससे ग्लोबल साउथ देशों को वैश्विक मंच पर अपनी बात मजबूती से रखने और विकास संबंधी अधिकारों की रक्षा करने का नया अवसर मिला है।

ली कियांग के भाषण ने न सिर्फ BRICS की दिशा तय की, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि चीन इस समूह को भविष्य की वैश्विक व्यवस्था में एक निर्णायक ताकत बनते देखना चाहता है।

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