एजबेस्टन। भारत ने एजबेस्टन टेस्ट में इंग्लैंड को 336 रनों से हराकर न केवल शानदार वापसी की, बल्कि सीरीज़ को भी 1-1 से बराबर कर दिया। हालांकि कप्तान शुभमन गिल की इस जीत के बाद की प्रतिक्रिया ने टेस्ट क्रिकेट की दिशा और संतुलन को लेकर एक अहम बहस छेड़ दी है।
मैच में दो धमाकेदार पारियों—269 और 161 रन—के साथ कुल 430 रन ठोकने वाले गिल ने साफ कहा कि जब पिच बल्लेबाज़ों के लिए बनी हो और गेंदबाज़ों को मदद न मिले, तो टेस्ट क्रिकेट अपनी असली आत्मा खोने लगता है।
“बॉल बहुत जल्दी सॉफ्ट हो रही है, आउट ऑफ शेप हो रही है। ना स्विंग, ना बाउंस, ऐसे में गेंदबाज़ क्या करें?”
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल ने बिना लाग-लपेट के कहा, “पता नहीं ये मौसम की वजह से हो रहा है या पिच की वजह से, लेकिन गेंदबाज़ों को विकेट निकालने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है। अगर सिर्फ शुरुआत के 20-30 ओवर ही काम के हों और उसके बाद बस रन रोकते रहना पड़े, तो खेल में मज़ा कहां बचता है?”
गिल ने इस टेस्ट में भारत की जीत के असली हीरो तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप और मोहम्मद सिराज को बताया, जिन्होंने बुमराह की गैरमौजूदगी में टीम को 16-17 विकेट दिलाए। “लोगों को शक था कि हम 20 विकेट ले भी पाएंगे या नहीं, लेकिन इन दोनों ने ग़ज़ब का प्रदर्शन किया,” उन्होंने कहा।
प्रसिद्ध कृष्णा की भी तारीफ करते हुए गिल ने कहा कि उन्होंने आखिरी दिन नई गेंद से बेहतरीन स्पेल डाला, भले ही उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।
इंग्लैंड की पिचों पर ली हल्की-फुल्की चुटकी
गिल ने हँसते हुए कहा कि शायद इंग्लैंड अब इतनी फ्लैट पिचें दोबारा नहीं बनाएगा। “हमने ज़्यादातर दिन बल्लेबाज़ी की, जो हमारे लिए फायदेमंद रहा। अगर हम हर मैच में 300-400 रन बना पाए, तो किसी भी मुकाबले में मज़बूत स्थिति में रहेंगे।”
गिल ने वॉशिंगटन सुंदर के साथ हुई सातवें विकेट की महत्वपूर्ण शतकीय साझेदारी को भी निर्णायक करार दिया। “उस साझेदारी ने ना सिर्फ स्कोरबोर्ड मजबूत किया, बल्कि हमारे आत्मविश्वास को भी ऊंचाई दी,” उन्होंने कहा।
शुभमन गिल की ये टिप्पणी टेस्ट क्रिकेट में बढ़ती बैटिंग फ्रेंडली परिस्थितियों पर एक सटीक सवाल खड़ा करती है—क्या खेल का संतुलन बिगड़ रहा है? कप्तान के रूप में अपनी पहली जीत में भी गिल का ये विश्लेषण साबित करता है कि वो न केवल रन बना सकते हैं, बल्कि खेल को गहराई से समझते भी हैं।