नई दिल्ली/बमाको। अफ्रीकी देश माली में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। 1 जुलाई को अल-कायदा से जुड़े जिहादी आतंकियों ने माली के सात शहरों पर एक साथ हमला कर दहशत फैला दी। इस हमले के दौरान डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में काम कर रहे तीन भारतीयों को भी अगवा कर लिया गया है। भारत सरकार ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है और माली सरकार से अपहृत भारतीयों की सुरक्षित रिहाई की मांग की है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बताया गया कि माली के कायेस क्षेत्र में स्थित सीमेंट फैक्ट्री पर हथियारों से लैस आतंकियों ने धावा बोल दिया और वहां से तीन भारतीय कर्मचारियों को जबरन अपने साथ ले गए। साथ ही यह भी पुष्टि की गई कि माली के पश्चिमी और मध्य हिस्सों में आतंकियों ने कई सैन्य और सरकारी ठिकानों को भी निशाना बनाया।
भारतीय दूतावास लगातार माली प्रशासन, स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों और फैक्ट्री प्रबंधन के संपर्क में है, ताकि अगवा भारतीयों को जल्द सुरक्षित छुड़ाया जा सके। इसके साथ ही दूतावास उन भारतीय नागरिकों के परिवारों से भी लगातार संपर्क बनाए हुए है।
माली की स्थानीय मीडिया के मुताबिक, अल-कायदा समर्थित ‘इस्लाम एंड मुस्लिम्स सपोर्ट ग्रुप’ ने कायेस, नियोनो, डिबोली, गोगुई, मोलोदो, सैंडारे और नियोरो डु साहेल जैसे रणनीतिक रूप से अहम शहरों पर हमला बोला। ये सभी शहर माली की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम माने जाते हैं।
माली की सेना ने भी हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि आतंकियों ने कई सुरक्षा प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन जवाबी कार्रवाई में 80 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। माली की राष्ट्रीय टेलीविजन पर सेना के प्रवक्ता कर्नल मेजर सौलेमेन डेम्बेले ने कहा कि हमले अचानक और सुनियोजित थे, लेकिन सेना ने तगड़ा जवाब दिया।
हमले की जिम्मेदारी माली के कुख्यात आतंकी इयाद अग गली के नेतृत्व वाले जिहादी गुट ने ली है, जो अल-कायदा से संबद्ध माना जाता है। इस गुट ने दावा किया है कि उसने तीन बैरकों और दर्जनों सैन्य ठिकानों पर कब्जा कर लिया है।
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह माली में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि वे सकुशल स्वदेश लौट सकें।