REAL ESTATE, MARKET

Domestic Capital Powers Indian Real Estate: 1.4 अरब डॉलर का निवेश, निवेशकों का बढ़ा भरोसा

नई दिल्ली। भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में घरेलू निवेशकों ने जबरदस्त भरोसा जताया है। साल 2025 की पहली छमाही यानी जनवरी से जून के बीच देश के रियल एस्टेट बाजार में घरेलू निवेश 53 फीसदी की छलांग लगाकर 1.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह कुल निवेश का करीब 48% हिस्सा है, जो बताता है कि भारतीय निवेशकों का रुझान अब तेजी से अपने ही देश की संपत्तियों की ओर बढ़ रहा है।

दूसरी तिमाही में दिखा निवेश का बूस्ट
साल की पहली तिमाही में जहां निवेश की रफ्तार थोड़ी धीमी रही, वहीं दूसरी तिमाही में इसका जबरदस्त उछाल देखने को मिला। कुल मिलाकर 2025 की पहली छमाही में रियल एस्टेट सेक्टर में 3 अरब डॉलर का संस्थागत निवेश दर्ज किया गया, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 29% ज्यादा है।

2021 के औसत से भी ऊपर निवेश
रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा 2021 से अब तक के औसत अर्ध-वार्षिक निवेश (2.6 अरब डॉलर) से भी ज्यादा है। इसका मतलब है कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद निवेशकों का भरोसा भारतीय रियल एस्टेट पर बना हुआ है।

घरेलू निवेश बन रहा है ‘गेम चेंजर’
कोलियर्स इंडिया के सीईओ बादल याग्निक ने बताया, “घरेलू पूंजी अब रियल एस्टेट निवेश की बड़ी ताकत बन गई है। 2021 में जहां घरेलू निवेश की हिस्सेदारी सिर्फ 16% थी, वहीं 2024 में यह बढ़कर 34% हो गई है।”

उनके मुताबिक, इस निवेश का बड़ा हिस्सा आवासीय और ऑफिस सेगमेंट की ओर गया है—जो यह दर्शाता है कि इन क्षेत्रों में निवेशकों को भविष्य की बड़ी संभावना नजर आ रही है।

आवासीय और ऑफिस स्पेस पर फोकस
2025 की पहली छमाही में आवासीय संपत्तियों में 0.8 अरब डॉलर का निवेश हुआ, जो कुल प्रवाह का 27% है। ऑफिस एसेट्स में भी निवेशक दिलचस्पी ले रहे हैं, जहां 24% हिस्सेदारी रही।

मिक्स्ड-यूज प्रॉपर्टी में रिकॉर्ड ग्रोथ
मिक्स्ड-यूज एसेट्स (जैसे रिटेल + ऑफिस स्पेस) में भी निवेश तेजी से बढ़ा है। जहां 2024 की पहली छमाही में इसकी हिस्सेदारी केवल 7% थी, वहीं 2025 में यह बढ़कर 20% के पार पहुंच गई।

रिटेल और वैकल्पिक एसेट्स में भी दिखी हलचल
रिटेल और अन्य वैकल्पिक संपत्तियों में कुल 0.5 अरब डॉलर का निवेश हुआ। इस दौरान कुछ बड़े सौदों ने इन क्षेत्रों को रफ्तार दी है।

कोलियर्स इंडिया के रिसर्च हेड विमल नादर का मानना है कि आने वाले महीनों में आरईआईटी्स और अन्य संस्थागत खिलाड़ी टियर-1 शहरों में प्रीमियम रिटेल एसेट्स की तलाश में जुटेंगे, जिससे इस क्षेत्र में और तेजी आने की पूरी संभावना है।

निष्कर्ष
भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में घरेलू पूंजी का ये उभार ना सिर्फ निवेश के नक्शे को बदल रहा है, बल्कि एक परिपक्व और स्थिर बाजार के रूप में भारत की नई पहचान भी बना रहा है।

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