मुंबई/नई दिल्ली। सत्व ग्रुप और ब्लैकस्टोन के संयुक्त उद्यम, नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट (आरईआईटी) ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष ड्राफ्ट ऑफर डॉक्यूमेंट जमा किया है। इस पब्लिक इश्यू के जरिए कंपनी 6,200 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट भारत में उच्च गुणवत्ता वाले ऑफिस पोर्टफोलियो का स्वामित्व और प्रबंधन करता है।
सेबी में दाखिल दस्तावेज के अनुसार, ब्लैकस्टोन और सत्व डेवलपर्स ने संयुक्त रूप से इस इश्यू के लिए आवेदन किया है। इस आरईआईटी का लक्ष्य 6,200 करोड़ रुपये तक जुटाना है, जिससे यह भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) लिस्टिंग बन सकती है।
इस इश्यू को बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के माध्यम से लाया जाएगा, जिसमें 75% से अधिक हिस्सा (स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर पोर्शन को छोड़कर) संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित नहीं होगा, जबकि 25% से कम हिस्सा गैर-संस्थागत निवेशकों को आवंटित किया जाएगा।
नेट ऑपरेटिंग इनकम (एनओआई) और ग्रॉस एसेट वैल्यू (जीएवी) के आधार पर यह आरईआईटी भारत का सबसे बड़ा होगा। ब्लैकस्टोन की इसमें 55% हिस्सेदारी होगी, जबकि शेष हिस्सेदारी सत्व डेवलपर्स की होगी। हालांकि, ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस में लिस्टिंग की तारीख का खुलासा नहीं किया गया है। लिस्टिंग के बाद, नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट भारत का पांचवां सूचीबद्ध आरईआईटी बन जाएगा।
ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, इस आरईआईटी का कुल लीज योग्य क्षेत्रफल 48 मिलियन वर्ग फीट होगा, जो एशिया में दूसरा सबसे बड़ा होगा। इसकी 95% संपत्तियां प्रमुख भारतीय कार्यालय बाजारों—मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में स्थित हैं। पोर्टफोलियो का 90% हिस्सा पहले से ही पट्टे पर है, जिसमें 76% किराएदार बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। मुंबई में वन बीकेसी, वन इंटरनेशनल सेंटर और वन वर्ल्ड सेंटर जैसी प्रमुख संपत्तियां भी इसमें शामिल हैं।
यह भारत का सबसे बड़ा रियल्टी इक्विटी ट्रस्ट (आरईआईटी) बनने जा रहा है, जिसका नाम नॉलेज रियल्टी ट्रस्ट होगा। इस आईपीओ से प्राप्त धनराशि का उपयोग मुख्य रूप से ऋण चुकाने के लिए किया जाएगा। 6,200 करोड़ रुपये के कुल निर्गम में से 5,800 करोड़ रुपये का इस्तेमाल बकाया ऋण के आंशिक या पूर्ण पुनर्भुगतान के लिए किया जाएगा, जिसमें कुछ संपत्ति विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) और निवेश संस्थाओं के ऋण का पूर्व भुगतान भी शामिल है।