नॉटिंघम। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा एक बार फिर ब्लू जर्सी में नजर आने को तैयार हैं। इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए टीम में चुनी गई शेफाली ने करीब आठ महीने बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी की है। वापसी से पहले उन्होंने खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने के लिए गहन मेहनत की — और इस दौरान क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की पारियों ने उन्हें गहरी प्रेरणा दी।
बीसीसीआई को दिए एक इंटरव्यू में शेफाली ने दिल खोलकर अपनी संघर्षभरी वापसी की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि पिछले साल जब उन्हें टीम से बाहर किया गया, तब उन्होंने अपने खेल और फिटनेस पर ध्यान देना शुरू किया। “मैंने करीब 20-25 दिनों तक सिर्फ फिटनेस पर फोकस किया और फिर बल्ला उठाया। उस वक्त जो एहसास हुआ, वह बिल्कुल नया और ताजगी भरा था,” शेफाली ने कहा।
पिता की बीमारी और क्रिकेट से दूरी ने सिखाया धैर्य
शेफाली के लिए पिछला साल सिर्फ खेल के लिहाज़ से ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। टीम से बाहर होने से ठीक 10 दिन पहले उनके पिता को दिल का दौरा पड़ा था। “उस समय सब कुछ धुंधला सा लग रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है,” उन्होंने याद किया। हालांकि, पिता की तबीयत सुधरने के बाद उन्होंने बेटी का मनोबल बढ़ाया और उसे दोबारा मैदान पर लौटने के लिए तैयार किया।
सचिन से सीखा धैर्य और मैच की समझ
शेफाली ने माना कि उनकी बल्लेबाजी शैली में जो परिपक्वता आई है, उसका श्रेय वह सचिन तेंदुलकर की टेस्ट पारियों को देती हैं। “पहले मैं हर गेंद को मारने के बारे में सोचती थी, लेकिन फिर मैंने सचिन सर की पारियां देखीं। उन्होंने सिखाया कि एक अच्छी गेंद का सम्मान करना भी उतना ही जरूरी है जितना चौका लगाना,” शेफाली ने कहा। “उनकी पारियों को देखकर मुझे अपने बचपन के दिन याद आ गए जब मैं उनका एक भी मैच मिस नहीं करती थी।”
घरेलू क्रिकेट और डब्ल्यूपीएल ने बढ़ाया आत्मविश्वास
राष्ट्रीय टीम से बाहर रहने के दौरान शेफाली ने घरेलू क्रिकेट को पूरी गंभीरता से खेला और हर मौके को भुनाया। उन्होंने कहा, “मैंने तय किया कि मैं भविष्य के बारे में नहीं सोचूंगी, सिर्फ हर मैच में रन बनाने पर ध्यान दूंगी। डब्ल्यूपीएल (WPL) ने मुझे फिर से आत्मविश्वास दिया और वर्तमान में जीना सिखाया।”
अब फोकस इंग्लैंड में जीत पर
इंग्लैंड में फिर से भारतीय जर्सी पहनना शेफाली के लिए खास है। उन्होंने कहा, “मैं यहां पहले भी खेल चुकी हूं, मैदान, माहौल और परिस्थितियों को जानती हूं। अब मैं अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करूंगी और बाकी किस्मत पर छोड़ दूंगी।”
टीम इंडिया में शेफाली की यह वापसी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक योद्धा की वापसी है—जो अपने संघर्षों से सीखकर और महान खिलाड़ियों से प्रेरणा लेकर दोबारा खड़ी हुई है। अब नजरें इंग्लैंड में होने वाली टी20 सीरीज पर हैं, जहां शेफाली बल्ले से फिर से कमाल कर सकती हैं।