तेल अवीव। इजरायली सेना ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उसने 12 दिनों तक चले एक गुप्त और शक्तिशाली सैन्य अभियान में ईरान के तीन अहम परमाणु केंद्रों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। इस कार्रवाई ने ईरान की परमाणु क्षमता को गहरा झटका दिया है।
इस ऑपरेशन को ‘राइजिंग लायन’ नाम दिया गया था, जिसकी शुरुआत 13 जून से हुई। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को तहस-नहस करना था। इजरायल का दावा है कि ये कार्यक्रम उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और अस्तित्व के लिए खतरा बनते जा रहे थे।
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि इस अभूतपूर्व सैन्य अभियान में ईरान के 11 वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया गया। अराक स्थित एक निष्क्रिय परमाणु रिएक्टर पर भी हमला कर उसे भविष्य में उपयोग न करने लायक बना दिया गया।
IDF के अनुसार, इस ऑपरेशन में कुल 35 से अधिक अहम ठिकानों को निशाना बनाया गया। ईरान के 200 लॉन्चर में से आधे पूरी तरह तबाह कर दिए गए। इसके साथ ही 1,500 से ज्यादा कलपुर्जों को खत्म किया गया, 15 ईरानी लड़ाकू विमान नष्ट हुए और 80 से अधिक सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल लांचरों को खत्म कर दिया गया। 6 एयरफील्ड्स पर भी जोरदार हमले किए गए, जिससे ईरानी वायुसेना को तगड़ा झटका लगा।
इजरायली सेना ने बताया कि इस मिशन में तकनीक, खुफिया जानकारी और हवाई क्षमता का भरपूर इस्तेमाल किया गया। ऑपरेशन के दौरान इजरायली वायुसेना ने 1,500 उड़ानें भरीं और 600 बार हवा में ही ईंधन भरा गया। मशहद एयरपोर्ट तक हमला किया गया, जो इजरायल से 2,400 किमी दूर है।
IDF ने दावा किया कि ईरान की तरफ से किए गए सैकड़ों ड्रोन और मिसाइल हमलों में 99% को नाकाम कर दिया गया। 500 से ज्यादा ड्रोन हमले यूएवी द्वारा किए गए, जो ईरान के सैन्य ढांचे को कमजोर करने में निर्णायक साबित हुए।
इस दौरान इजरायल में 170 से अधिक स्थानों पर राहत और बचाव कार्य भी चलाए गए।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को एक प्रेस बयान में बताया कि ईरान के साथ संघर्षविराम प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है, जिससे 12 दिनों की इस ऐतिहासिक जंग का अंत हो गया। उन्होंने कहा, “हमने ऑपरेशन राइजिंग लायन में अपने सभी रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल किया—यहां तक कि हमारी उम्मीदों से भी अधिक। ईरान के परमाणु और मिसाइल दोनों खतरों को प्रभावी रूप से निष्क्रिय किया गया है।”
यह मिशन इजरायल के सैन्य इतिहास में अब तक के सबसे निर्णायक और उच्च-स्तरीय ऑपरेशनों में से एक माना जा रहा है।