भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य में धार्मिक जुलूसों के दौरान खुलेआम हथियारों के प्रदर्शन पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस खतरनाक प्रवृत्ति से सामाजिक तनाव बढ़ रहा है और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सिंह ने स्पष्ट किया कि वे इसके खिलाफ सबूतों के साथ प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को शिकायत सौंपेंगे।
यह बयान उस समय आया जब दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी सोमवार को हमीदिया अस्पताल पहुंचे। वहां धार्मिक जुलूस के दौरान चाकू से घायल एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। सिंह ने कहा कि मृतक युवक ललितपुर से अपनी मौसी के घर आया था और उस पर हमला जुलूस के दौरान किया गया। उन्होंने कहा, “धार्मिक आयोजनों में हथियारों का प्रदर्शन बेहद खतरनाक चलन बनता जा रहा है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।”
इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि एसीपी राकेश सिंह बघेल ने साफ किया कि मृतक की हत्या का सीधा संबंध जुलूस से नहीं है और घटना की स्वतंत्र जांच की जा रही है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने चाचौड़ा की भाजपा महिला विधायक द्वारा अपने क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जताई गई चिंता का हवाला देते हुए कहा, “जब भाजपा के अंदर से ही सरकार के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं, तो समझा जा सकता है कि हालात कितने गंभीर हैं। भाजपा अपने ही जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं कर पा रही।”
इस बीच ग्वालियर में उच्च न्यायालय परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाए जाने को लेकर जारी विवाद पर पटवारी ने भाजपा पर सामाजिक विभाजन फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “न्याय के मंदिर में अगर बाबा साहेब की प्रतिमा नहीं लगेगी, तो फिर कहां लगेगी? कांग्रेस इस पर राजनीति नहीं कर रही, बल्कि यह सामाजिक सम्मान और न्याय का विषय है।”
यह मुद्दा राज्य की राजनीति को गरमा सकता है, खासकर तब जब कानून व्यवस्था पर विपक्ष लगातार हमलावर है और सत्ता पक्ष भी आंतरिक विरोध से जूझ रहा है।