चंडीगढ़। अटारी सीमा पर शुक्रवार सुबह का नज़ारा कुछ खास था। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की ज़ीरो लाइन पर, जहां आमतौर पर रिट्रीट सेरेमनी की गर्जना सुनाई देती है, वहां इस बार “योग से ही समरसता” के स्वर गूंजे। बीएसएफ ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अटारी की संयुक्त चेक पोस्ट पर भव्य योग समारोह का आयोजन किया।
इस ऐतिहासिक आयोजन में बीएसएफ के जवानों के साथ सीमावर्ती गांवों के लोग, स्कूली बच्चे, नामचीन खिलाड़ी और पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियां भी शामिल हुईं। जहां भारतीय सीमा पर उमंग और ऊर्जा का माहौल था, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की ओर सन्नाटा पसरा रहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के आईजी अतुल फुलजेले ने योग को “मानवता की साझा विरासत” बताते हुए कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक संपूर्ण कला है, जो मन, शरीर और आत्मा को एकसाथ जोड़ती है। उन्होंने कहा कि यह शांति, स्वास्थ्य और सामाजिक एकता का मार्ग है।
समारोह की शुरुआत सूर्य नमस्कार से हुई, जिसके बाद प्रतिभागियों ने प्राणायाम, ताड़ासन, वृक्षासन और भुजंगासन जैसे प्रमुख आसनों का अभ्यास किया। बीएसएफ ने इस आयोजन को सीमावर्ती इलाकों के नागरिकों से जुड़ने, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने का सशक्त प्रयास बताया। स्थानीय ग्रामीणों और बच्चों ने योग को जीवन का हिस्सा बनाने की शपथ ली।
जालंधर कैंपस में भी योग दिवस की धूम
इसी कड़ी में बीएसएफ ने जालंधर स्थित अश्वनी स्टेडियम में भी भव्य योग शिविर का आयोजन किया। बीएसएफ के उप महानिरीक्षक सेतुराम के नेतृत्व में हुए इस कार्यक्रम में फ्रंटियर मुख्यालय के सभी अधिकारी, जवान और उनके परिजन पूरे उत्साह के साथ शामिल हुए।
योग प्रशिक्षकों की टीम ने प्रोटोकॉल के तहत विभिन्न आसनों का अभ्यास करवाया और उनके लाभों की जानकारी दी। मुख्य अतिथि ने योग को जीवनशैली का अभिन्न अंग बताते हुए इसके मानसिक और शारीरिक लाभों पर प्रकाश डाला और सभी को रोज़ाना योग अपनाने के लिए प्रेरित किया।
यह आयोजन सिर्फ योग का नहीं, बल्कि देशभक्ति, अनुशासन और समाज के प्रति दायित्व का भी सशक्त संदेश बनकर उभरा।