चंडीगढ़/कुरुक्षेत्र। हरियाणा में योग अब केवल जीवनशैली नहीं, बल्कि शिक्षा का भी अहम हिस्सा बनेगा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ऐलान किया कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में योग को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। इसके लिए एक समान योग पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा, ताकि सभी विश्वविद्यालयों में इसे एकरूपता से पढ़ाया जा सके।
मुख्यमंत्री सैनी ने यह घोषणा कुरुक्षेत्र में आयोजित राज्य स्तरीय योग समारोह में की, जहां योग गुरु बाबा रामदेव ने हजारों लोगों को योगाभ्यास कराया। समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, स्वास्थ्य मंत्री आरती राव और कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल समेत कई विशिष्ट हस्तियों ने भाग लिया।
योग को मिलेगा अकादमिक दर्जा और प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में योग शोध को बढ़ावा देने के लिए योग लेखक प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। हर साल योग पर उत्कृष्ट लेखन करने वालों को राज्य सम्मान मिलेगा। सरकारी स्कूलों में योग प्रदर्शन को क्रेडिट आधारित परीक्षा प्रणाली से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को आयुष प्रणाली के अंतर्गत मान्यता दी जाएगी और इनके चिकित्सकों का राजकीय पंजीकरण भी शुरू होगा।
अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्र और 100 नई व्यायामशालाएं
सीएम सैनी ने बताया कि श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में एक भव्य अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्र बनाया जाएगा। इस वर्ष प्रदेश में 100 नई योग एवं व्यायामशालाएं खोली जाएंगी। वर्तमान में हरियाणा में 883 योग केंद्र कार्यरत हैं। साथ ही, खेल विभाग में 40 योगा कोच की नियुक्ति कर योग को खेल के रूप में सशक्त किया जाएगा।
‘वाई ब्रेक’ से कार्यस्थल पर तनाव से राहत
एक अनोखी पहल के तहत मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में आज से पांच मिनट का ‘वाई ब्रेक’ अनिवार्य होगा। इस दौरान सरकारी कर्मचारी अपनी सीट पर बैठे-बैठे योगाभ्यास कर सकेंगे, जिससे उन्हें मानसिक सुकून और कार्यक्षमता में बढ़ोतरी मिलेगी।
राज्यभर में योग का जश्न
हरियाणा में योग दिवस एक महोत्सव का रूप ले चुका है। बीते 25 दिनों में राज्य के सभी जिलों, विधानसभा क्षेत्रों और 121 ब्लॉक्स में योग प्रोटोकॉल के कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 20 लाख से ज्यादा लोगों ने भाग लिया।
योग के इस व्यापक अभियान से हरियाणा एक बार फिर स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली की ओर अग्रसर हो रहा है।