SHUBMAN GILL, CRICKET

शुभमन गिल की अग्निपरीक्षा: क्या भारत विकेट लेने की पुरानी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराएगा?

लंदन। जैसे-जैसे भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की बहुप्रतीक्षित सीरीज का आगाज करीब आ रहा है, क्रिकेटप्रेमियों की धड़कनें तेज हो गई हैं। लीड्स की चिलचिलाती गर्मी के बीच मैदान तैयार है, इंग्लैंड प्रैक्टिस में जुटा है और भारत भी अपनी तैयारी का बिगुल बजा चुका है। लेकिन इस बार नजरें सिर्फ खिलाड़ियों पर नहीं, बल्कि कप्तान शुभमन गिल पर भी होंगी — जिनकी कप्तानी पहली बार विदेशी सरजमीं पर असली अग्निपरीक्षा से गुजरेगी।

भारत ने पिछली बार सफेद जर्सी छह महीने पहले पहनी थी, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उसकी एक पहचान रही है—20 विकेट निकालने की जिद। विराट कोहली से लेकर रोहित शर्मा तक, हर कप्तान ने इस दर्शन को अपनाया है कि जब तक आप विपक्षी टीम को दो बार ऑल आउट नहीं कर सकते, तब तक जीत सिर्फ एक सपना है। राहुल द्रविड़ तो इतने प्रतिबद्ध थे कि उन्होंने बल्लेबाजी की कीमत पर पांच गेंदबाज खिलाने की परंपरा डाली।

लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे की असफलता ने दिखाया कि केवल दर्शन नहीं, सही संयोजन भी चाहिए। जब शार्दुल ठाकुर जैसे ऑलराउंडर घायल हो जाएं और बुमराह अकेले मोर्चा संभालें, तो रणनीति लड़खड़ाने लगती है। भारत ने उस सीरीज में 46% विकेट बुमराह के दम पर निकाले, लेकिन थकावट की सीमा तब पार हुई जब मेलबर्न में खुद बुमराह ने रोहित से कहा—अब मुझसे नहीं होगा।

अब जब बुमराह इस इंग्लैंड दौरे में केवल तीन टेस्ट खेलेंगे और ठाकुर फिट होकर वापसी कर चुके हैं, भारत के पास फिर से पांच गेंदबाजों की रणनीति अपनाने का मौका है। खासतौर पर तब जब इंग्लैंड के पास वोक्स को छोड़ कोई भी तेज गेंदबाज ऐसा नहीं है जिसने पांचों टेस्ट खेले हों। यानी भारत को यहां कड़ी चुनौती मिलने की बजाय बल्लेबाजी में राहत और गेंदबाजी में आक्रमण की आज़ादी मिलेगी।

हालांकि इंग्लैंड जानता है कि ठाकुर को कैसे बेअसर करना है — 2022 के एजबस्टन टेस्ट में वह 18 ओवर में 113 रन देकर केवल एक विकेट ही ले सके थे। अब देखना होगा कि गिल कप्तान के रूप में क्या ठाकुर को मौका देते हैं या किसी नए चेहरे को प्राथमिकता दी जाती है?

सबसे बड़ा सवाल यह है — क्या गिल उस साहसी सोच को अपनाएंगे जिसने भारत को ओवल, लॉर्ड्स और ब्रिसबेन जैसी ऐतिहासिक जीतें दिलाई थीं? या फिर वे चयन में सतर्कता बरतते हुए जोखिम से बचेंगे?

जो भी हो, एक बात तय है — इंग्लैंड की धरती पर गिल की कप्तानी का असली इम्तिहान अब शुरू होता है। और यह सिर्फ कप्तानी का नहीं, भारत की पुरानी गेंदबाजी प्रतिबद्धता को फिर से साबित करने का भी समय है।

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