नई दिल्ली। भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण का मानना है कि आगामी इंग्लैंड दौरा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के लिए एक निर्णायक अवसर साबित हो सकता है। अरुण के अनुसार, यह पांच मैचों की टेस्ट सीरीज न केवल सिराज के अनुभव की परीक्षा होगी, बल्कि उनके पास जसप्रीत बुमराह के साथ भारत के तेज आक्रमण का नेतृत्व करने का सुनहरा मौका भी है।
20 जून से लीड्स में शुरू हो रही टेस्ट सीरीज से पहले अरुण ने ‘सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क’ से विशेष बातचीत में कहा कि इस बार की सीरीज गेंदबाजों के कौशल और अनुकूलन क्षमता पर निर्भर होगी। उन्होंने कहा, “सिराज अब ज्यादा परिपक्व हो चुके हैं। आईपीएल में उनका फॉर्म शानदार रहा और अब वो अपनी लय में हैं। गलतियों से उन्होंने सीखा है और उन्हें सुधारने के लिए लगातार मेहनत की है।”
2021 से मिली प्रेरणा, अब नेतृत्व का समय
अरुण ने 2021 की इंग्लैंड सीरीज को याद करते हुए कहा कि उस समय भारतीय गेंदबाज परिस्थितियों को भांपने में माहिर थे और यही सफलता की कुंजी थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि 2018 के दौरे की नाकामियों से मिली सीख ने टीम इंडिया को मजबूत आधार दिया, जिसका असर आगे के विदेशी दौरों, खासकर ऑस्ट्रेलिया में भी दिखा।
अर्शदीप बन सकते हैं तीसरे फ्रंटलाइन पेसर
अरुण ने अर्शदीप सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि वह फिलहाल प्रसिद्ध कृष्णा से एक कदम आगे हैं, खासकर बाएं हाथ के गेंदबाज होने और दोनों तरफ स्विंग कराने की क्षमता के कारण। “अर्शदीप को इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट का अनुभव है, जो उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा,” उन्होंने कहा।
ड्यूक्स गेंद और इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण पिचें
इंग्लैंड में ड्यूक्स गेंद से गेंदबाजी करना कितना मुश्किल होता है, इस पर भरत अरुण ने कहा कि “ड्यूक्स गेंद गेंदबाजों की पसंदीदा होती है, लेकिन यहां लेंथ को समझना और मौसम के मुताबिक रणनीति बदलना बेहद जरूरी होता है।”
अंत में अरुण ने इस बात पर जोर दिया कि यह दौरा तेज गेंदबाजों के लिए एक ‘करो या मरो’ जैसा साबित हो सकता है, खासकर उन खिलाड़ियों के लिए जो खुद को भारत की पहली पसंद गेंदबाज बनाना चाहते हैं। सिराज जैसे खिलाड़ियों के पास इस सीरीज में खुद को साबित करने और गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ बनने का पूरा मौका है।