नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा निर्माण से जुड़े बहुचर्चित घोटाले की परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को इस मामले में राजधानी दिल्ली में बड़े पैमाने पर छापेमारी की है। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई इस कार्रवाई में ईडी की टीमों ने ठेकेदारों और निजी संस्थानों से जुड़े कम से कम 37 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी।
ईडी की यह छापेमारी दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर की जा रही है। जांच एजेंसी ने इस एफआईआर को संज्ञान में लेते हुए पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है।
सूत्रों के मुताबिक, यह कथित घोटाला आम आदमी पार्टी के पिछले कार्यकाल के दौरान हुआ, जिसमें सरकारी स्कूलों में 12,000 से अधिक कक्षाएं या अर्ध-स्थायी ढांचे बनाए जाने में करीब 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं।
ईडी ने इससे पहले भी, 30 अप्रैल को दिल्ली सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस दर्ज किया था। अब जांच का दायरा ठेकेदारों और निर्माण एजेंसियों तक पहुंच चुका है।
इस हाई-प्रोफाइल जांच ने राजधानी की राजनीति में हलचल मचा दी है, और एक बार फिर आम आदमी पार्टी की पूर्ववर्ती नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं।