नई दिल्ली। दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितताओं, भू-राजनीतिक तनाव और ऊंची ब्याज दरों जैसी तमाम बाधाओं के बावजूद भारत का सेवा क्षेत्र दमदार प्रदर्शन कर रहा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) ने सोमवार को बताया कि भारत के नवीनतम व्यापार आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि देश का सेवा निर्यात न सिर्फ स्थिर बना हुआ है, बल्कि मुश्किल हालात में भी एक मज़बूत सहारा बनकर उभरा है।
मई 2025 में भारत का कुल निर्यात—जिसमें वस्तुएं और सेवाएं दोनों शामिल हैं—2.8% की वृद्धि के साथ 71.12 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो मई 2024 में 69.20 अरब डॉलर था। यह बढ़त सेवा क्षेत्र, खासतौर पर सॉफ्टवेयर, परामर्श और वित्तीय सेवाओं की मांग में मजबूती की वजह से आई है।
फियो अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा, “मौजूदा वैश्विक माहौल कठिन जरूर है, लेकिन भारतीय निर्यातक उससे बेहतर तालमेल बिठा रहे हैं। खासकर, मध्य पूर्व में लॉजिस्टिक्स से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद निर्यात का बढ़ते रहना नीतिगत समर्थन और उद्योग की लचीलापन को दर्शाता है।”
वहीं, मई 2025 में कुल आयात 77.75 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 78.55 अरब डॉलर था। यह गिरावट घरेलू उत्पादन क्षमताओं के विस्तार और आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों की सफलता को दर्शाती है।
रफ्तार को बनाए रखने के लिए फियो अध्यक्ष ने एमएसएमई सेक्टर को ब्याज सहायता योजना के माध्यम से निरंतर सहयोग देने की बात कही। इसके साथ ही अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ताओं में तेजी, व्यापार प्रक्रियाओं को सरल और डिजिटल बनाने, और ई-कॉमर्स निर्यात को सुगम बनाने की दिशा में ठोस कदमों की मांग की।
भविष्य की दिशा बताते हुए रल्हन ने सरकार से आग्रह किया कि वह सेवा क्षेत्र की ताकत को और मजबूती देने के लिए डिजिटल अवसंरचना, स्किल डेवलपमेंट और वैश्विक ब्रांडिंग में निवेश बढ़ाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि 2025 की दूसरी छमाही में वैश्विक हालात सामान्य होने पर भारत निर्यात वृद्धि की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए पूरी तरह तैयार होगा।
“उचित नीतिगत हस्तक्षेप के साथ भारत वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी और मज़बूत कर सकता है,” उन्होंने जोड़ा।