नई दिल्ली। भारत, अमेरिका समेत 24 देशों की सेनाएं मंगोलिया की राजधानी उलानबटार के पास स्थित फाइव हिल्स ट्रेनिंग एरिया में बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘ख़ान क्वेस्ट 2025’ में भाग ले रही हैं। यह अभ्यास 14 जून से शुरू हुआ है और 28 जून तक चलेगा। इसका मकसद दुनिया के संघर्षग्रस्त इलाकों में शांति स्थापना और मानवीय सहायता अभियानों के लिए सैन्य दक्षताओं को निखारना है।
सैन्य कूटनीति का बड़ा मंच बनता ‘ख़ान क्वेस्ट’
अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के संयुक्त तत्वावधान में हो रहे इस अभ्यास में भारत समेत 24 देशों की सेनाएं न केवल मिलकर ट्रेनिंग कर रही हैं, बल्कि वास्तविक परिस्थितियों में नागरिक-सैन्य समन्वय, आपात राहत और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों से जुड़े जटिल ऑपरेशनों पर भी अभ्यास कर रही हैं।
भारत की भागीदारी क्यों है अहम?
भारतीय सेना की इस अभ्यास में भागीदारी, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भारत के दशकों पुराने अनुभव और योगदान को दर्शाती है। इसके साथ ही यह भारत-मंगोलिया के मजबूत होते रणनीतिक संबंधों को भी रेखांकित करता है। हाल ही में समाप्त हुए ‘नोमैडिक एलीफैंट 2025’ द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास के बाद, यह भारत के लिए एक और अहम सैन्य-राजनयिक मंच है।
साझेदारी, सीख और समन्वय
‘ख़ान क्वेस्ट’ सिर्फ एक सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहां दुनिया भर की सेनाएं एक-दूसरे से सीखती हैं, अभ्यास करती हैं और भविष्य की किसी भी वैश्विक चुनौती के लिए सामूहिक रूप से तैयार होती हैं। प्रशिक्षण गतिविधियां संयुक्त राष्ट्र के नियमों के अनुसार संचालित की जा रही हैं, जिससे अभ्यास को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी से बढ़ा आयोजन का गौरव
उद्घाटन समारोह में भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, मंगोलिया में भारत के राजदूत अतुल मल्हारी गोत्सुर्वे, मंगोलियाई सेना के शीर्ष अधिकारी और अन्य सहभागी देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
यह अभ्यास न केवल भारत की वैश्विक भूमिका को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर न केवल भागीदारी कर रहा है, बल्कि नेतृत्वकारी भूमिका में भी है।