तेहरान/यरुशलम। ईरान और इजराइल के बीच तनाव अब भीषण टकराव में बदल चुका है। रविवार तड़के सूरज उगने से पहले ईरान ने इजराइल के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन का भीषण हमला बोला। सबसे बड़ा झटका हाइफा को लगा, जहां एक प्रमुख बिजली संयंत्र धू-धूकर जल उठा और शहर अंधेरे में डूब गया।
ईरान की इस कार्रवाई को 13 जून को इजराइली हमले में मारे गए अपने सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों का बदला माना जा रहा है। ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इस बार सीधे इजराइल की रक्षा प्रणालियों और रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया। मिसाइल हमलों की लहर ने तेल अवीव, हाइफा, बेन गुरियन एयरपोर्ट, नेवातिम एयरबेस और गोलान हाइट्स को झकझोर कर रख दिया।
इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली हुई फेल
इजराइली आर्मी रेडियो ने स्वीकार किया कि कम से कम 10 ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों को रोका नहीं जा सका। हमले के तुरंत बाद कब्जे वाले उत्तरी क्षेत्रों में सायरन गूंज उठे। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, मिसाइल हमलों की यह आठवीं लहर सबसे घातक साबित हुई।
ऑनलाइन वायरल फुटेज में हाइफा का बिजली संयंत्र जलता दिखा। आग से भारी नुकसान हुआ और क्षेत्र में व्यापक ब्लैकआउट की खबर है। कई एंबुलेंस घटनास्थल पर शवों और घायलों को ले जाती नजर आईं।
रणनीतिक ठिकानों पर सीधा वार
हमले की एक और बड़ी विशेषता रही—उसका निशाना। ईरान ने डिमोना परमाणु केंद्र के पास स्थित नेगेव रेगिस्तान, किर्यत गाट के सैन्य टेक हब और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों को चुना। IRNA की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी हमलों में अब तक इजराइल की 150 से अधिक सैन्य और खुफिया साइटों को नुकसान पहुंचाया गया है।
मोसाद के एजेंटों की गिरफ्तारी
इसी बीच, ईरान की पुलिस ने दावा किया है कि मोसाद के दो एजेंटों को राजधानी तेहरान के पास गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 200 किलोग्राम विस्फोटक, 23 ड्रोन और कई लॉन्चिंग सिस्टम बरामद किए गए। पुलिस प्रवक्ता सईद मोंटेजर अल-महदी ने कहा कि ये एजेंट बड़े पैमाने पर आतंकी साजिश की तैयारी में थे।
ईरान का यह हमला न केवल सैन्य मोर्चे पर इजराइल को चुनौती है, बल्कि पश्चिम एशिया में एक बड़े युद्ध की आहट भी सुनाई देने लगी है।