तेहरान। ईरान और इजराइल के बीच जारी टकराव ने अब गंभीर रूप ले लिया है। रविवार को इजराइली मिसाइल हमले में ईरान के तीन शीर्ष खुफिया अधिकारियों की मौत हो गई है, जिससे ईरानी सत्ता तंत्र को गहरा झटका लगा है। मारे गए अधिकारियों में जनरल मोहम्मद काजमी, जनरल हसन मोहक्कक और जनरल मोहसेन बाकरी शामिल हैं। यह सभी इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) की इंटेलिजेंस विंग से जुड़े थे।
ईरान की सरकारी एजेंसी तस्नीम न्यूज ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि 15 जून को हुए मिसाइल हमले में इन तीनों अफसरों की जान चली गई। IRGC की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इजराइल जानबूझकर रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है, जिसे उन्होंने “आतंकवादी रवैया” करार दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 13 जून से अब तक इजराइली हमलों में कई सैन्य अफसर, परमाणु वैज्ञानिक और दर्जनों आम नागरिक भी मारे जा चुके हैं।
इस बीच एक और सनसनीखेज जानकारी सामने आई है—ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को इजराइली हमलों के तुरंत बाद राजधानी तेहरान के उत्तर-पूर्वी इलाके लवीजान में स्थित एक गुप्त और सुरक्षित भूमिगत बंकर में ले जाया गया है। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, खामेनेई पहले भी अप्रैल और अक्टूबर 2024 में ऐसे ही हालातों में इसी बंकर में शरण ले चुके हैं।
उधर, इजराइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने दावा किया है कि उनके सुरक्षा बलों ने ईरान में हथियार निर्माण करने वाले कई अहम कारखानों को तबाह कर दिया है। साथ ही ईरानी सेना के कई उच्च पदस्थ अधिकारियों को भी मार गिराया गया है।
बढ़ते तनाव और ताबड़तोड़ हमलों के बीच अब पूरा क्षेत्र युद्ध की दहलीज पर खड़ा नजर आ रहा है। आने वाले दिनों में हालात और किस दिशा में जाएंगे, यह कहना मुश्किल है, लेकिन फिलहाल ईरान में मातम और बेचैनी दोनों ही गहराते जा रहे हैं।
