नई दिल्ली। इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की ओर से जारी बयान से भारत ने खुद को अलग कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि भारत इस मुद्दे पर पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है और उसने अन्य सदस्य देशों को इस बारे में सूचित भी कर दिया था।
शनिवार को विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत ने एससीओ के उस सामूहिक बयान पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें 13 जून को ईरान की जमीन पर इजरायली हमलों की निंदा की गई थी। एससीओ ने मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव पर चिंता जाहिर करते हुए इन हमलों की कड़ी आलोचना की थी।
भारत ने इस मुद्दे पर अपनी स्वतंत्र नीति को दोहराते हुए कहा है कि वह किसी भी पक्ष की ओर झुकाव नहीं रखता और विवाद का समाधान सिर्फ बातचीत और कूटनीति से ही संभव है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करता है कि वह क्षेत्र में शांति बहाली के लिए सकारात्मक कदम उठाए।
इसके साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष के साथ हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की है। इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में फैली गहरी चिंता को साझा करते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने और जल्द से जल्द कूटनीतिक प्रक्रिया की ओर लौटने की अपील की।
भारत का यह रुख बताता है कि वह पश्चिम एशिया में उभरते संकट से दूर रहकर संतुलित विदेश नीति को प्राथमिकता दे रहा है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए शांतिपूर्ण संवाद को ही रास्ता मानता है।