नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल में बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। मुख्य कोच मनोलो मार्क्वेज़ के भविष्य पर सस्पेंस अब ज्यादा दिन का मेहमान नहीं है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि कोच की भूमिका की समीक्षा के लिए 29 जून को एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की अहम बैठक बुलाई गई है।
स्पेनिश कोच मार्क्वेज़ ने अगस्त 2024 में इगोर स्टिमैक की जगह भारतीय टीम की कमान संभाली थी। लेकिन तब से अब तक उनका सफर बेहद फीका रहा है—टीम सिर्फ एक ही जीत दर्ज कर पाई है, वो भी मालदीव के खिलाफ एक दोस्ताना मुकाबले में 3-0 से।
टीम की कमजोर परफॉर्मेंस ने भारत की 2027 एएफसी एशिया कप क्वालिफिकेशन की राह को मुश्किल बना दिया है। साल की शुरुआत से अब तक भारत ने महज सात गोल किए हैं, जिनमें से तीन अकेले मालदीव के खिलाफ आए थे।
कल्याण चौबे ने कहा, “मनोलो एक अनुभवी कोच हैं और भारतीय खिलाड़ियों को अच्छी तरह समझते हैं, लेकिन हाल के नतीजों के बाद कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या उन्हें बरकरार रखा जाएगा। इसी विषय पर निर्णय लेने के लिए 29 जून को बैठक होगी।”
उन्होंने राष्ट्रीय टीम की कमजोरियों को लेकर भी दो टूक बात की। चौबे के मुताबिक, भारतीय टीम की सबसे बड़ी समस्या एक ताकतवर स्ट्राइकर की कमी है। उन्होंने कहा, “गोल किए बिना जीत की उम्मीद करना बेमानी है। भारतीय खिलाड़ियों को फॉरवर्ड पोजीशन में ज़्यादा मौके मिलने चाहिए, और विदेशी स्ट्राइकरों पर निर्भरता कम करनी होगी।”
वहीं ओसीआई कार्डधारकों (भारत के विदेशी नागरिकों) को लेकर भी अहम संकेत मिले हैं। फिलहाल केवल भारतीय पासपोर्ट धारक ही राष्ट्रीय टीम के लिए खेल सकते हैं, लेकिन इस नीति को लेकर सोशल मीडिया पर लंबे समय से बहस चल रही है। चौबे ने पुष्टि की कि एआईएफएफ उन 33 खिलाड़ियों के संपर्क में है जो ओसीआई कार्ड के पात्र हैं।
उन्होंने कहा, “हम कई ओसीआई खिलाड़ियों से संपर्क में हैं। कुछ को कार्ड मिल भी चुका है। हम बाकियों को भी समर्थन देने और टीम में शामिल करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।”
अब सबकी नजरें 29 जून की बैठक पर टिकी हैं, जहां तय होगा कि मनोलो मार्क्वेज़ भारतीय फुटबॉल की कहानी में अगला अध्याय लिखेंगे या उनके अध्याय का अंत हो जाएगा।