नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आतंकवाद पर भारत की नीति को दो टूक शब्दों में स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारत अपने दुश्मनों को कहीं भी बख्शने वाला नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा, “अगर आतंकी पाकिस्तान में भी हैं, तो हम वहां भी पहुंचेंगे। हमें फर्क नहीं पड़ता कि वे कहां छिपे हैं।”
फ्रांस के प्रमुख अखबार ‘ले फिगारो’ को दिए गए साक्षात्कार में डॉ. जयशंकर ने भारत की सैन्य क्षमताओं और आतंक के खिलाफ उसकी निर्णायक नीति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि इस अभियान की सफलता पाकिस्तानी ठिकानों पर हुए नुकसान से स्पष्ट है। जब उनसे भारतीय विमानों को हुए नुकसान पर सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कहा, “वास्तविक सफलता दुश्मन की ताकत को खत्म करने में होती है।”
जयशंकर ने आतंकवाद को सिर्फ भारत-पाक के बीच का मसला नहीं, बल्कि वैश्विक संकट बताया। उन्होंने चीन को भी सख्त लहजे में नसीहत दी कि वह आतंकवाद के मसले पर दोहरा रवैया न अपनाए। “चीन और पाकिस्तान के बीच चाहे जितनी भी नजदीकियां हों, आतंकवाद जैसे मुद्दे पर अस्पष्टता अब स्वीकार्य नहीं है। ये समस्या सिर्फ किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की है,” उन्होंने कहा।
विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कार्रवाई की मांग कर रहा है। उनका सख्त और साफ संदेश भारत की नई आक्रामक कूटनीति की झलक देता है।