तेहरान/तेल अवीव/वाशिंगटन। ईरान और अमेरिका के बीच जारी परमाणु गतिरोध एक बार फिर गर्मा गया है। दोनों देशों के बीच अगला दौर की अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता रविवार को ओमान की राजधानी मस्कट में होने जा रहा है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हालिया परामर्शों के बाद यह तय किया गया है कि बातचीत मस्कट में होगी।
बाघई ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि यूरेनियम संवर्धन ईरान के लिए रणनीतिक महत्व का विषय है और यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय वार्ता या समझौते का हिस्सा नहीं बनेगा। उन्होंने दो टूक कहा कि अमेरिका के साथ होने वाली बातचीत में ईरान के राष्ट्रीय हित सर्वोपरि रहेंगे और यदि कोई प्रस्ताव इन हितों से टकराता है, तो वह पूरी तरह अस्वीकार्य होगा। साथ ही बाघई ने अमेरिका को चेतावनी दी कि वह इस बार बातचीत के अवसर को गंभीरता से ले और इसे बर्बाद न करे।
इस बीच तेहरान और वाशिंगटन के बीच बढ़ती तनातनी के बीच इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 40 मिनट की फोन पर गुप्त बातचीत ने हलचल मचा दी है। ‘द टाइम्स ऑफ इजराइल’ की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच हुई इस अहम बातचीत में अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। ट्रंप ने बातचीत को “बहुत अच्छी” बताया और कहा कि अमेरिका ने ईरान को एक उचित प्रस्ताव दिया है, जिसका जवाब जल्द आने की उम्मीद है।
वहीं ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी इरना के मुताबिक, सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने चेतावनी दी है कि अगर इजराइल ने ईरान के खिलाफ कोई भी आक्रामक कदम उठाया, तो ईरान उसके गुप्त परमाणु ठिकानों को निशाना बनाएगा। ईरानी सेना ने साफ कर दिया है कि वह हर परिस्थिति का जवाब देने को तैयार है।
गौरतलब है कि ईरान और अमेरिका के बीच 12 अप्रैल से अब तक पांच दौर की परमाणु वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन दोनों देश यूरेनियम संवर्धन के मुद्दे पर अब तक किसी ठोस समझौते पर नहीं पहुंच सके हैं। मस्कट में होने वाली अगली वार्ता पर अब दुनियाभर की निगाहें टिकी हैं।