कटरा। कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत के साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्त्वपूर्ण परियोजना की आठ अद्भुत विशेषताएं साझा कीं। उन्होंने इसे इंजीनियरिंग की एक बेमिसाल उपलब्धि बताया और कहा कि यह भारत के रेल इतिहास में एक नया मुकाम है।
वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना में भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग टी-50 शामिल है, जो खारी और सुंबर के बीच 12.77 किलोमीटर लंबी है। इसके साथ ही भारत की दूसरी सबसे लंबी सुरंग टी-80 है, जो बनिहाल और काजीगुंड के बीच स्थित है और पीर पंजाल रेलवे सुरंग के नाम से जानी जाती है, इसकी लंबाई 11.22 किलोमीटर है। वहीं, तीसरी सबसे लंबी सुरंग टी-44 है, जो सावलकोट-सांगलदान के बीच 11.13 किलोमीटर से अधिक लंबी है।
इस परियोजना में कुल 36 मुख्य सुरंगें बनाई गई हैं, जिनकी संयुक्त लंबाई 119.6 किलोमीटर है। इसके अलावा आठ एस्केप सुरंगें भी हैं, जिनकी कुल लंबाई 66.4 किलोमीटर है। रेल मंत्री ने चिनाब ब्रिज को भी उजागर किया, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। इसकी लंबाई 1.3 किलोमीटर और ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है।
वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना में 600 किलोमीटर से अधिक स्टील वेल्डिंग हुई है, जो जम्मू से दिल्ली तक रेलवे ट्रैक की दूरी से भी ज्यादा है। इसके अलावा उन्होंने अंजी ब्रिज का भी जिक्र किया, जो भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज है। 725.5 मीटर लंबे इस पुल का केबल नेटवर्क बेहद खास है—सिर्फ 11 महीनों में 96 स्टे केबल्स, जिनकी कुल लंबाई 653 किलोमीटर है, सफलतापूर्वक स्थापित किए गए।
रेल मंत्री ने बर्फीले इलाकों में ट्रेन के सुचारू संचालन के लिए वंदे भारत ट्रेनों में लगे आइस कटर की भी जानकारी दी, जो बर्फ साफ कर सभी मौसमों में ट्रेन सेवा को निर्बाध बनाए रखता है।
यह परियोजना तकनीकी कौशल, आधुनिक इंजीनियरिंग और दृढ़ संकल्प की एक मिसाल है, जो कश्मीर को देश के मुख्य रेल नेटवर्क से जोड़ने में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रही है।