नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अनोखी और भावनात्मक पहल की शुरुआत की — ‘एक पेड़ मां के नाम’। इस अभियान के तहत प्रधानमंत्री ने दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली पार्क में पौधारोपण कर अरावली पर्वतमाला को फिर से हरा-भरा करने की दिशा में बड़ा संदेश दिया।
यह अभियान ‘अरावली ग्रीन वॉल परियोजना’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश की सबसे प्राचीन पर्वतमालाओं में शुमार अरावली श्रृंखला को पर्यावरणीय संकट से उबारना है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अरावली गुजरात से लेकर दिल्ली तक फैली हुई है और हाल के वर्षों में यहां गंभीर पारिस्थितिक समस्याएं सामने आई हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार इस क्षेत्र के पुनर्जीवन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि सरकार जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने, धूलभरी आंधियों पर काबू पाने और थार रेगिस्तान के फैलाव को रोकने जैसे अहम मुद्दों पर काम कर रही है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर रणनीतिक योजनाएं बनाई जा रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि शहरी और अर्धशहरी इलाकों में जहां जगह की कमी है, वहां परंपरागत के साथ-साथ अत्याधुनिक पौधारोपण तकनीकों का सहारा लिया जाएगा। इन सभी गतिविधियों की निगरानी ‘मेरी लाइफ’ पोर्टल के जरिए जियो-टैगिंग से की जाएगी।
आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने दिल्ली सरकार की नई इलेक्ट्रिक बसों को भी हरी झंडी दिखाई। यह पहल न केवल शुद्ध वायु और पर्यावरण को बढ़ावा देगी, बल्कि राजधानी के लोगों के लिए एक स्वच्छ और टिकाऊ यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर भी ‘सिंदूर’ पौधा लगाया। यह पौधा उन्हें हाल ही में गुजरात यात्रा के दौरान 1971 के युद्ध में भाग लेने वाली वीर महिलाओं ने भेंट किया था — जो देश की नारी शक्ति और त्याग का प्रतीक है।
कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, दिल्ली के उपराज्यपाल बी.के. सक्सेना, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और राज्य के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से खास अपील की कि वे इस हरित मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और पर्यावरण की रक्षा को अपना व्यक्तिगत संकल्प बनाएं।