नई दिल्ली। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। राजस्थान के फलोदी में स्थित खीचन और उदयपुर के मेनार आर्द्रभूमि को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाले रामसर स्थलों की सूची में शामिल कर लिया गया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार देर शाम इस खुशी की जानकारी ट्वीट के जरिए साझा की।
पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर मिली इस सौगात के साथ भारत के रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 91 हो गई है। भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पर्यावरण सुरक्षा पर गहन प्रतिबद्धता और भारत के हरित भविष्य के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम का प्रमाण है।
खीचन और मेनार जैसे खूबसूरत और जैव विविधता से भरपूर ये आर्द्रभूमि स्थल न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वैश्विक पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी इनका विशेष महत्व है। राजस्थान के इन स्थलों के रामसर सूची में शामिल होने से न केवल क्षेत्रीय जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह पर्यावरणीय जागरूकता और संरक्षण की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।