भुज/अहमदाबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को कच्छ जिले के खादिर बेट स्थित धोलावीरा, जो हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख नगर है, का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का अवलोकन किया और प्राचीन मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ उत्कृष्ट नगरीय नियोजन की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के महानिदेशक यदुवीर सिंह रावत ने राष्ट्रपति को धोलावीरा की ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी।
इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति को हड़प्पा सभ्यता की अनूठी विशेषताओं, नगर नियोजन, जल भंडारण और निपटान प्रणाली तथा विशाल सुरक्षा दीवारों के बारे में बताया गया। उन्होंने मनका निर्माण केंद्र, सुव्यवस्थित सीढ़ीदार जल निकासी प्रणाली, ऊपरी, मध्य और निचले नगरों के अवशेषों को भी देखा और इस सभ्यता की उन्नत संरचनाओं से अभिभूत हुईं।
भारतीय पुरातत्व मंत्रालय द्वारा धोलावीरा में की गई खुदाई के दौरान प्राप्त मिट्टी के बर्तनों, तांबे की वस्तुओं, तौल उपकरणों और पत्थर के आभूषणों जैसी विभिन्न प्राचीन कलाकृतियाँ भी राष्ट्रपति को प्रदर्शित की गईं।
अपनी यात्रा के अंत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने धोलावीरा विश्व धरोहर स्थल के परिसर में पौधरोपण कर इस ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने का संदेश दिया।