वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद के गलियारों में बुधवार को भारत की आवाज़ गूंजती रही, जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने वहां मौजूद प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद थरूर ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को अमेरिका से “पूर्ण समर्थन और एकजुटता” मिली है।
वॉशिंगटन में संवाददाताओं से बात करते हुए थरूर ने कहा, “हमारे सामने कोई नकारात्मक या संशयपूर्ण स्वर नहीं आया। सभी चर्चाओं में हमें जबरदस्त सकारात्मकता और भारत के लिए मजबूत समर्थन देखने को मिला।” उन्होंने बताया कि अमेरिका के सांसदों ने न केवल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को स्वीकार किया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी कठोर नीति को भी सराहा।
टीम थरूर की कूटनीतिक मुहिम
प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के इंडिया कॉकस, सदन की विदेश मामलों की समिति, दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया उपसमितियों के प्रमुखों सहित छह प्रभावशाली सीनेटरों से मुलाकात की, जिनमें से कई सीनेट की विदेश संबंध और खुफिया समितियों से जुड़े थे।
थरूर का मिशन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट करना और शून्य सहनशीलता की नीति को वैश्विक समर्थन दिलाना था।
अमेरिकी सांसदों का भी दिखा भरोसा
इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष और डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “22 अप्रैल को हुए हमले के जिम्मेदार आतंकी संगठनों को खत्म करने की जरूरत पर भारत-अमेरिका के बीच अहम चर्चा हुई।” बता दें, उस आतंकी हमले में पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी।
रिपब्लिकन सीनेटर डेव मैककॉर्मिक ने भी भारत के साथ साझेदारी को दोहराते हुए कहा, “हमने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, आतंकवाद से लड़ाई और तानाशाही प्रवृत्तियों के खिलाफ साझा रुख पर चर्चा की।”
भारत-अमेरिका साझेदारी को मिला नया आयाम
सदन की विदेश मामलों की समिति के शीर्ष डेमोक्रेट ग्रेगरी मीक्स ने न केवल हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई, बल्कि भारत-अमेरिका रिश्तों की मजबूती पर भी जोर दिया। उन्होंने शशि थरूर को विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष पद की बधाई भी दी।
थरूर ने बातचीत को “गंभीर, उच्च गुणवत्ता वाली और भारत में गहरी रुचि दर्शाने वाली” बताया।
इस ऐतिहासिक यात्रा से पहले भारतीय प्रतिनिधिमंडल गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील जैसे देशों का भी दौरा कर चुका है।
निष्कर्ष:
भारत की आतंकवाद के खिलाफ जंग को अब अमेरिका से भी खुला समर्थन मिल रहा है। यह दौरा न सिर्फ कूटनीतिक रूप से सफल रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज़ को और भी मजबूती से रखने में मील का पत्थर साबित हुआ।