तीनों सेनाओं को बड़ी ताकत: अब कमांडरों को मिला अनुशासन का सीधा अधिकार, थिएटर कमांड की राह और मजबूत

नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बलों के एकीकरण और अनुशासन को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब थलसेना, नौसेना और वायुसेना के कमांडरों को अपने अधीन काम कर रहे तीनों बलों के जवानों पर सीधे अनुशासनात्मक अधिकार मिल गए हैं। यह ऐतिहासिक बदलाव 27 मई से प्रभावी हो गया है।

यह कदम रक्षा मंत्रालय द्वारा लाए गए ‘इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन (कमान, कंट्रोल और डिसिप्लिन) अधिनियम 2023’ के तहत उठाया गया है, जिसे अब राजपत्र अधिसूचना के जरिए लागू कर दिया गया है। इस कानून के तहत सरकार थिएटर कमांड जैसी एकीकृत सैन्य संरचनाएं बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।

अब किसी भी अंतर-सेवा संगठन में तैनात जवानों पर कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड का पूर्ण अनुशासनात्मक नियंत्रण होगा। इससे न सिर्फ कमांड की कार्यप्रणाली सशक्त होगी, बल्कि विभिन्न सेनाओं के बीच समन्वय और कार्रवाई की गति में भी बढ़ोतरी होगी।

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने 15 मार्च 2023 को यह विधेयक लोकसभा में पेश किया था, जिसे संसद से पारित होने के बाद 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। अब इसके तहत बने नियमों की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है।

इस नई व्यवस्था से न केवल तीनों सेनाओं के एकीकरण को बल मिलेगा, बल्कि अनुशासन संबंधी मामलों का शीघ्र और प्रभावी निपटारा भी संभव होगा। साथ ही दोहरे मामलों से बचा जा सकेगा, जिससे सैन्य प्रशासन अधिक पारदर्शी और चुस्त-दुरुस्त हो सकेगा।

इस अहम फैसले को रक्षा क्षेत्र के सबसे बड़े सुधारों में से एक माना जा रहा है, जो भारत की सैन्य शक्ति को आधुनिक समय की जरूरतों के अनुरूप ढालने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

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