घुसपैठ की फिराक में आतंकी, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद फिर लौटे शिविरों में, BSF ने किया बड़ा खुलासा

जम्मू। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत बीएसएफ की कार्रवाई से भागे आतंकी अब दोबारा सक्रिय हो रहे हैं और सीमा पार अपने पुराने ठिकानों की ओर लौटने लगे हैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने इस गंभीर खतरे की पुष्टि करते हुए कहा है कि आतंकी फिर से शिविरों में जमा हो रहे हैं और जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। इसके मद्देनज़र BSF ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) और नियंत्रण रेखा (LoC) पर सुरक्षा व्यवस्था और चौकसी को और पुख्ता कर दिया है।

जम्मू में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीएसएफ आईजी शशांक आनंद ने बताया कि 8 से 10 मई के बीच पाकिस्तान ने कई बार गोलीबारी और ड्रोन हमले किए, जिनका BSF ने करारा जवाब दिया। उन्होंने बताया कि अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई अकारण गोलीबारी के बाद, बीएसएफ ने लूनी आतंकी लॉन्च पैड को निशाना बनाकर बड़ा जवाबी हमला किया।

आईजी आनंद ने यह भी बताया कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पहली बार अग्रिम चौकियों पर महिला BSF कर्मियों को तैनात किया गया। सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी की अगुवाई में मंजीत कौर, मलकीत कौर, ज्योति, संपा, स्वप्ना जैसी जांबाज महिला जवानों ने साहसिक भूमिका निभाई।

इस दौरान हुए ड्रोन हमलों में BSF सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कांस्टेबल दीपक कुमार, और सेना के नायक सुनील कुमार शहीद हो गए। इनकी शहादत को सम्मान देते हुए दो चौकियों का नाम इन शहीदों के नाम पर और एक चौकी का नाम ‘सिंदूर’ रखा जाएगा।

आरएस पुरा सेक्टर के डीआईजी चितर पाल ने जानकारी दी कि 9 मई को पाकिस्तान ने भारी हथियारों और मोर्टार से हमला किया, जिसका जोरदार जवाब दिया गया। गोलीबारी के बाद पाकिस्तानी ड्रोन सीमा पर सक्रिय हो गए, लेकिन बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में मस्तपुर लॉन्च पैड तबाह कर दिया गया।

सुंदरबनी सेक्टर में बीएसएफ डीआईजी वरिंदर दत्ता ने बताया कि 8 मई को खुफिया इनपुट में 18-20 आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी। BSF ने सटीक कार्रवाई कर इस समूह की घुसपैठ की योजना को विफल कर दिया।

बीएसएफ डीआईजी एसएस मंड ने भी बताया कि BSF की निगरानी प्रणाली ने 8 मई को 40 से 50 आतंकियों की गतिविधियों का पता लगाया था। समय रहते की गई बीएसएफ की कार्रवाई में न केवल आतंकियों को नुकसान पहुंचा, बल्कि उनके स्थानीय मददगारों और पाकिस्तानी रेंजर्स को भी भारी नुकसान हुआ।

बीएसएफ का यह खुलासा साफ इशारा करता है कि आतंकवादी संगठन एक बार फिर जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने की कोशिश में हैं। हालांकि BSF की तैयारियों और चौकसी के चलते उनकी हर साजिश नाकाम होती जा रही है।

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