अब भारत में बनेगा पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट, सरकार ने दी AMCA परियोजना को हरी झंडी

नई दिल्ली। देश की आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति को नई उड़ान देने वाली बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने देश में ही अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट ‘एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए)’ को विकसित करने की योजना को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह स्टील्थ फीचर्स से लैस मल्टीरोल फाइटर विमान न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत को और धार देगा, बल्कि एयरोस्पेस क्षेत्र में भारत की वैश्विक पहचान को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के कार्यान्वयन मॉडल को मंजूरी देते हुए घरेलू एयरोस्पेस उद्योग को बड़ा प्रोत्साहन दिया है। अब इस योजना को वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) आगे बढ़ाएगी, जो रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के अधीन काम करती है। खास बात यह है कि इस परियोजना में निजी क्षेत्र की कंपनियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। जल्द ही इस दिशा में ‘रुचि की अभिव्यक्ति’ (EOI) जारी की जाएगी, जिसमें निजी और सार्वजनिक कंपनियां प्रोटोटाइप विकास के लिए बोली लगा सकेंगी।

बेंगलुरु में इस साल आयोजित एयरो इंडिया शो में एएमसीए का मॉडल पहली बार इंडिया पवेलियन में पेश किया गया था। यह अत्याधुनिक फाइटर जेट न केवल पांचवीं पीढ़ी की क्षमताओं से लैस होगा, बल्कि इसमें छठी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी का भी समावेश होगा। इसकी खासियत होगी सिंगल-सीट और ट्विन-इंजन वाला डिज़ाइन, जो ग्राउंड स्ट्राइक, दुश्मन की एयर डिफेंस को नष्ट करने और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर जैसे मिशनों में भी माहिर होगा।

एएमसीए का मार्क-1 संस्करण 5.5 पीढ़ी की तकनीकों से लैस होगा, जबकि मार्क-2 वर्जन में छठी पीढ़ी की क्षमताएं जोड़ी जाएंगी। यह स्वदेशी विमान भारतीय वायुसेना के तेजस, सुखोई-30 एमकेआई, राफेल जैसे विमानों की जगह लेगा, वहीं नौसेना के मिग-29 और एचएएल नेवल तेजस को भी पूरक करेगा।

यह परियोजना डीआरडीओ, एचएएल और एक भारतीय निजी कंपनी के संयुक्त प्रयास से पूरी की जाएगी, जिससे न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश में रक्षा उत्पादन का नया युग भी शुरू होगा।

एक झलक में एएमसीए:

  • पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर जेट
  • छठी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी से लैस
  • सिंगल-सीट, ट्विन-इंजन डिजाइन
  • ग्राउंड स्ट्राइक से लेकर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तक सक्षम
  • DRDO-ADA द्वारा डिज़ाइन, HAL व निजी कंपनियों की साझेदारी में निर्माण

यह परियोजना केवल एक फाइटर जेट का निर्माण नहीं, बल्कि भारत की रक्षा स्वावलंबन की उड़ान है।

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