दुनिया को दिखा रहा भारत: थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता की मशाल जलाई

जॉर्जटाउन। भारत अब दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ अपने संकल्प की मजबूती से झलक दिखा रहा है। कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली से मुलाकात की और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा। प्रतिनिधिमंडल ने पहलगाम हमले और उसके जवाब में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी साझा कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति से अवगत कराया।

इस प्रतिनिधिमंडल की विदेश यात्राएं सिर्फ औपचारिक कूटनीति नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंक के खिलाफ एक वैश्विक जनमत तैयार करने की कोशिश हैं। गुयाना के राष्ट्रपति ने भारत को न सिर्फ खून का रिश्ता बताया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में पूर्ण समर्थन का भरोसा भी जताया।

संपर्क बढ़ा, समर्थन मजबूत

थरूर ने बताया कि गुयाना के प्रधानमंत्री ब्रिगेडियर मार्क एंथनी फिलिप्स के साथ रात्रि भोज के दौरान भारत-गुयाना संबंधों पर सार्थक चर्चा हुई। उनकी पत्नी ने अहमदाबाद में छह सप्ताह का प्रशिक्षण लिया था, जिससे भारत के साथ उनके जुड़ाव को और गहराई मिली है।

दूसरी ओर, कतर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि “भारत अब आतंकवाद को युद्ध की तरह देख रहा है और उसे उसी स्तर पर जवाब दिया जा रहा है।”

कांगो और सिंगापुर में भी गूंजा भारत का संदेश

कांगो (किन्शासा) में बीजू जनता दल के सांसद सस्मित पात्रा ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा फैलाया जा रहा आतंक अब सिर्फ भारत की समस्या नहीं, बल्कि वैश्विक संकट है। भारत का संदेश स्पष्ट है – ‘आतंक का जवाब निर्णायक होगा।’

वहीं, सिंगापुर में जदयू सांसद संजय कुमार झा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने भारत के उच्चायुक्त शिल्पक अंबुले से भेंट कर आगे की रणनीतियों पर मंथन किया।

स्लोवेनिया के जुब्लजाना में डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रवासियों से संवाद कर उन्हें भारत के रुख से अवगत कराया।


निष्कर्ष:
भारत ने अपने कूटनीतिक प्रयासों को आक्रामक रुख में बदलते हुए अब विश्व मंच पर आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरना शुरू कर दिया है। प्रतिनिधिमंडलों के इन वैश्विक दौरों से साफ है—भारत अब सिर्फ सुनने वाला नहीं, निर्णायक कार्रवाई करने वाला देश बन चुका है।

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