दाहोद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशवासियों को याद दिलाया कि 26 मई, 2014 को उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इस खास मौके पर उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में देश ने कई ऐसे फैसले लिए हैं जो पहले सोचे भी नहीं जा सकते थे।
गुजरात के दाहोद में 24,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन वर्षों में भारत ने न केवल अपनी दशकों पुरानी बेड़ियों को तोड़ा, बल्कि हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने अहमदाबाद-वेरावल वंदे भारत ट्रेन और वलसाड-दाहोद एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाकर देश को तेज़ गति से आगे बढ़ने का संदेश दिया।
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भावुक लहजे में कहा, “26 मई मेरे जीवन का महत्वपूर्ण दिन है। सबसे पहले गुजरात ने मुझे आशीर्वाद दिया और फिर पूरे देश ने मुझे सेवा का अवसर दिया। इन वर्षों में हमने ऐसे कदम उठाए हैं जो पहले असंभव माने जाते थे। हमने नकारात्मकता के अंधकार को पीछे छोड़, विश्वास और आत्मनिर्भरता के उजाले की ओर कदम बढ़ाए हैं।”
प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि आत्मनिर्भर भारत सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि समय की मांग है। “जो कुछ देश की तरक्की के लिए जरूरी है, अब उसे भारत में ही बनाना है। भारत अब सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि एक मैन्युफैक्चरिंग पावर बनकर उभर रहा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि अब भारत में बना सामान न केवल देश की ज़रूरतें पूरी कर रहा है, बल्कि दुनिया के कोने-कोने में निर्यात होकर देश का नाम रोशन कर रहा है।
पीएम मोदी का यह संबोधन न सिर्फ बीते 10 सालों की विकास गाथा को समेटे हुए था, बल्कि आने वाले समय में एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत की मजबूत रूपरेखा भी पेश करता है।