नई दिल्ली। दुनिया भर के शेयर बाजारों में आज मिला-जुला माहौल देखने को मिल रहा है। अमेरिका और यूरोप से आई कमजोरी की खबरों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है, हालांकि एशियाई बाजारों में कुछ जगहों पर मजबूती भी नजर आई है।
अमेरिकी बाजार में बिकवाली हावी
पिछले कारोबारी सत्र में वॉल स्ट्रीट पर दबाव साफ नजर आया। एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.67% की गिरावट के साथ 5,802.82 पर बंद हुआ, वहीं टेक-heavy नैस्डेक ने 1% की बड़ी गिरावट झेली और 18,731.21 पर सत्र समाप्त किया।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूरोप पर प्रस्तावित 50% टैरिफ को 9 जुलाई तक टालने के फैसले का असर डाउ जॉन्स फ्यूचर्स पर दिखा, जो इस वक्त 0.93% की मजबूती के साथ 41,989.08 पर कारोबार कर रहा है।
यूरोपीय बाजारों में भी निराशा का माहौल
यूरोपीय स्टॉक्स पर भी दबाव बना रहा। एफटीएसई इंडेक्स 0.24% फिसल कर 8,717.97 पर बंद हुआ। वहीं, फ्रांस का सीएसी इंडेक्स 1.68% टूटकर 7,734.40 और जर्मनी का डीएएक्स 1.56% गिरकर 23,629.58 पर बंद हुआ।
एशिया में छाई मिली-जुली तस्वीर
एशियाई बाजारों में हालात कुछ हद तक संभले हुए नजर आए। एशिया के 9 प्रमुख बाजारों में से 6 लाल निशान में हैं, जबकि 3 हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं।
- गिफ्ट निफ्टी में 0.76% की तेजी के साथ यह 25,071 के स्तर पर है।
- जापान का निक्केई 0.72% चढ़कर 37,428.08 तक पहुंच गया।
- दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.18% की जोरदार बढ़त के साथ 2,622.78 पर है।
कुछ बाजारों में गिरावट भी जारी
दूसरी तरफ,
- सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 0.42% टूटकर 3,866.25 पर आ गया।
- ताइवान वेटेड इंडेक्स में 0.18% की कमजोरी देखी गई।
- हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1.06% गिरकर 23,350.59 पर पहुंच गया।
- जकार्ता कंपोजिट, शंघाई कंपोजिट और सेट कंपोजिट में भी गिरावट बनी हुई है।
निष्कर्ष
वैश्विक बाजारों में फिलहाल अनिश्चितता का माहौल है। अमेरिका और यूरोप की सुस्त चाल का असर एशियाई बाजारों पर भी पड़ा है, लेकिन कुछ प्रमुख एशियाई सूचकांक मजबूती के साथ टिके हुए हैं। आने वाले दिनों में बाजार की दिशा वैश्विक नीतिगत फैसलों और आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगी।